विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
महादेव शिव का दूसरा ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के करनूल जिले में है। श्री मल्लिकार्जुन स्वामी का मंदिर श्रीशैलम में स्थित है। पर यहाँ पहुँचने का रास्ता भी अत्यंत मनोरम है। आप चाहे किसी भी रास्ते से जाएँ श्रीशैलम पहुँचने के लिए आपको 100 किलोमीटर घने जंगलों से होकर गुजरना होगा। इस मार्ग पर रात में चलना निषेधित है। इसलिए ये सफर दिन में ही करना पड़ता है।
अगर श्रीशैलम से सबसे नजदीक के रेलवे स्टेशन की बात करें तो वह है मार्कापुर। मार्कापुर रेलवे स्टेशन से 86 किलोमीटर दूरी है श्रीशेलम की। मार्कापुर गुंटुर हुबली मीटरगेज रेलवे लाइन का स्टेशन है। यह शहर नगरपालिका है। प्रकाशम जिले में आने वाले शहर मार्कापुर की आबादी 71 हजार है। वहीं श्रीशैलम की दूरी नांदयाल से 160 किलोमीटर है। श्रीशैलम ओंगुल रेलवे स्टेशन से 176 किलोमीटर, करनूल टाउन से 181 किलोमीटर है। हैदराबाद शहर से 229 किलोमीटर है, जबकि विजयवाड़ा से 263 किलोमीटर है। श्रीशेलम के लिए ओंगुल, करनूल टाउन और हैदराबाद से सीधी बस सेवा उपलब्ध है। पर श्रीशैलम के पहुँचने के तीन रास्ते लोकप्रिय हैं। ओंगुल से, करनूल से और हैदराबाद से। सबसे लोकप्रिय रास्ता हैदराबाद से है। यहाँ के एमजी बस स्टैंड से आप एपीआरटीसी, टीएसआरटीसी की बसें ले सकते हैं।
पर हमारा श्रीशैलम का सफर आरंभ हुआ हैदराबाद से निजी कैब से। सुबह टैक्सी से जाकर श्रीशैलम दर्शन करके रात तक हैदराबाद वापस लौटा जा सकता है। एक तरफ का रास्ता 4 से 5 घंटे का है। सो हम लोग हैदराबाद के वनस्थलीपुरम इलाके से सुबह 5.30 बजे ही निकल पड़े। हमारी इनोवा के चालक महोदय बड़े ही सुरक्षित तरीके से ड्राईविंग कर रहे हैं। हैदराबाद का बाहरी इलाका रंगारेड्डी जिला है। हैदराबाद शहर का रिंग रोड और शमशाबाद पार करने के बाद हमारी गाड़ी महबूब नगर जिले में प्रवेश कर जाती है। लाल सूरज धीरे-धीरे उग रहा है। सड़क के दोनों तरफ शानदार पहाड़ियाँ दिखायी दे रही हैं। जो अलग-अलग रूप में हैं। ठीक वैसे ही रॉक जो आपने बाहुबली फिल्म देखा होगा। बाहुबली की शूटिंग करनूल के रॉक गार्डन में हुई है। पर इस तरह के पर्वतमालाओं से बनी सुंदर आकृतियाँ जगह-जगह दिखायी दे रही हैं। महबूब नगर जिला पार करने के बाद हम करनूल जिले में चलते हैं काफी दूर तक।
हमारी टैक्सी लतीफपुरम में रुकती है। यहाँ इंडियन आयल के पंप पर ड्राइवर डीजल लेते हैं। पंप पर टायलेट का इंतजाम नहीं है। बोर्ड लगा पर क्रेडिट कार्ड स्वीकार नहीं करते। यहाँ भी एक डैम है पर उसमें पानी नहीं है।
हम स्टेट हाईवे नंबर 765 पर चल रहे हैं। करीब 120 किलोमीटर चलने के बाद आता है दिंडी नामक कस्बा। दिंडी नलगोंडा जिले में है जो तेलंगना राज्य में पड़ता है। पर दिंडी से नलगोंडा जिला मुख्यालय की दूरी तकरीबन 100 किलोमीटर है।
कुछ किलोमीटर और चलने के बाद आ जाता है मुन्नानुर और शुरू हो जाते हैं घने जंगल। हैदराबाद से मुन्नानुर 133 किलोमीटर की दूरी पर है। दोनों तरफ हरे भरे जंगल हैं और गाड़ी मध्दिम गति से चलती जा रही है। कहीं कहीं सड़कों पर वानरराज कब्जा जमाये बैठे हैं। उनसे बचते हुए निकलना पड़ता है। इसके बाद जंगलों के बीच मल्लापुर नामक बस्ती आती है। कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं साथ दे रहा है। पातालगंगा में कृष्णा नदी पर श्रीशैलम डैम है। वन से निकल कर गाड़ी नीचे आती है। डैम के पास पुल पार करके फिर घुमावदार रास्तों से उपर चढने लगती है। थोड़ी देर में हमें श्रीशैलम का प्रवेश द्वार दिखायी देता है।
हैदराबाद से श्रीशैलम का मार्ग
हैदराबाद – शमशाबाद – आउटर रिंग रोड-
महेश्वरम – कदथल- अमंगल – कलावकुरति-
दिंडी – मुन्नानुर – मल्लापुर – पातालगंगा – श्रीशैलम डैम- श्रीशैलम शहर।
(देश मंथन, 11 जनवरी 2016)