विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
नेपाल में भारत की सीमा पर स्थित है सीता माता का शहर जनकपुर धाम। मैं पहली बार में 1999 में जनकपुर गया, दूसरी बार 2015 में। पर इन 16 सालों में एक चीज नहीं बदली।
सीतामढ़ी शहर से भिट्ठा मोड़ से जनकपुर के 19 किलोमीटर का सफर। ये सड़क बदहाल है। बिल्कुल कच्ची सड़क जैसी है। रोड़े बिछे हैं। बसें उछलती कूदती चलती हैं। ये सफर काफी मुश्किलों भरा है। इस 19 किलोमीटर में एक घंटे से अधिक का वक्त लग जाता है। इस सड़क के निर्माण को लेकर नेपाल सरकार या फिर भारत सरकार बेजार है। वैसे भारत से जनकपुर धाम जाने के दो रास्ते हैं। पहला सीतामढ़ी जिले के भिट्ठा मोड़ से जलेश्वर होते हुए जनकपुर का है। दूसरा मार्ग जटही बार्डर से है जो मधुबनी जिले को जोड़ता है। पर जटही मार्ग को अंतरराष्ट्रीय सीमा का दर्जा नहीं प्राप्त है।
बदहाल नेशनल हाईवे
सीतामढ़ी शहर से भिट्ठामोड़ की दूरी 30 किलोमीटर है। ये सड़क एनएच 104 घोषित हो चुकी है। पर सड़क अभी चौड़ी नहीं हुई है। रास्ते में कई पुल टूटे हैं। इस 30 किलोमीटर के सफर में दो घंटे लग सकते हैं। भारत सरकार ने चकिया से नेपाल सीमा से होकर चलने वाली सड़क को एनएच 104 का दर्जा जरूर दे दिया है पर सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। जो लोग वेबसाइट देखकर इस सड़क पर सफर के लिए निकल जाएँ उन्हें निराशा हाथ लगेगी।
सीतामढ़ी से जनकपुर के लिए चलने पर शहर के बाद महिसौल, बथनाहा, सुतिहारा, सुरसंड़, जैसे बाजार रास्ते में आते हैं। इस रास्ते में नदियों पर कई पुल हैं जो ध्वस्त हो चुके हैं। भारी वाहनों के लिए रास्ता बन्द है। बरसात में हालत और भी खराब हो जाती है। हालाँकि भिट्टामोड़ से पटना के लिए सीधी लग्जरी बसें चलती हैं। पर खराब सड़क के कारण इस यात्रा में काफी बाधाएँ आती हैं।
भिट्ठामोड़ बार्डर पर सशस्त्र सुरक्षा बल ( एसएसबी) के जवान सुरक्षा में तैनात हैं। उस पार नेपाल के सुरक्षा प्रहरी। भिट्टामोड़ पर उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की एक शाखा है। मेरे पिता जी कभी इसी ग्रामीण बैंक में मैनेजर रह चुके हैं। भिट्ठामोड़ और सीतामढी में कई दुकानों के नाम भारत नेपाल मैत्री की कहानी सुनाते हैं। दुकान के नाम हैं भारत नेपाल साड़ी सेंटर, भारत नेपाल मीट सेंटर आदि-आदि। नेपाल का कस्टम कार्यालय जिसे वहाँ भंसार कहते हैं वहां तैनात रहते हैं। भिट्ठामोड़ के पास नेपाल की सीमा के शहर का नाम जलेश्वर है।
जलेश्वर से जनकपुर की दूरी 19 किलोमीटर है। जलेश्वर में रहने के लिए कुछ होटल और गेस्ट हाउस भी बने हुए हैं। जलेश्वर से काठमांडू के लिए सीधी बसें भी जाती हैं। 12 घन्टे के सफर का भारतीय मुद्रा में किराया 440 रुपये हैं। नेपाली मुद्रा में 700 रुपये। बसें बहुत अच्छी हैं। रोजाना लगभग 25 बसें जलेश्वर और जनकपुर से काठमांडू के लिए जाती हैं।
अगर आप अपने वाहन से जनकपुर जाना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं। नेपाल में भारतीय वाहनों को दिन के हिसाब से प्रवेश शुल्क देना पड़ता है। इस शुल्क को देने के लिए सीमा पर लंबी लाइन लगी रहती है। हालाँकि जलेश्वर अंतरराष्ट्रीय प्रवेश सीमा है पर यहाँ पर कोई शानदार प्रवेश द्वार नहीं बना है जैसा कि रक्सौल के बाद दिखायी देता है। 12 जून 2015 को हम तीन बसों में बैठकर जनकपुर जा रहे थे। हमारी बसों को प्रवेश पास बनवाने में एक घन्टे लग गये।
जलेश्वर के बाद पीपरा, सहोरवा बाजार जैसे छोटे बाजार आते हैं। नेपाल में प्रवेश के बाद कहीं से कुछ बदला हुआ नजर नहीं आता। जनकपुर शहर के प्रवेश सीमा पर जीरो माइल आता है। जनकपुर शहर जीरो माइल से रेलवे स्टेशन तक तीन किलोमीटर में फैला हुआ है। जीरो माइल बाद रामानन्द चौक आता है, जहाँ से दाहिनी तरफ की सड़क लेने पर आप माँ जानकी के मन्दिर तक पहुँच जाते हैं। इसी मार्ग पर निजी वाहनों के लिए विशाल पार्किंग बनी हुई है।
(देश मंथन 19 जून 2015)