तमिलनाडु की ओर – वणक्कम चेन्नई

0
300

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

अगर आपको देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से की लंबी यात्रा करनी हो तो रेल से बेहतर कुछ नहीं। एक के बाद दूसरे राज्य में प्रवेश करती रेल बदलता खानपान और बोली। यह रेल में ही दिखायी दे सकता है। पर दिल्ली से चेन्नई और हैदराबाद का सफर मैं कई बार रेल से कर चुका था। सो इस बार तीस घंटे रेल में गुजारने के बजाए तीन घंटे फ्लाइट में गुजारने का तय किया। इससे हमारे दो दिन की बचत भी होने वाली थी। 

हमने कई महीने पहले चेन्नई के लिए जेट एयरवेज की फ्लाइट बुक कर ली थी। जेट ऐसी एयरलाइन है जो इकोनोमी क्लास में भी यात्रियों को कंप्लिमेंट्री लंच देती है। इसलिए हम खाने को लेकर निश्चिंत थे। सुबह 8 बजे की फ्लाइट थी। 

हमें सुबह 6 बजे इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टी3 टर्मिनल पर पहुँच गये थे। उबर की कैब सेवा ने पूरी समयबद्धता से साथ दिया। इससे पहले की हमने फ्लाइटें 1डी से ली थीं। टी-3 पहुँचने का पहला मौका था। वाकई टी-3 इतना भव्य बना है कि हम दुनिया के तमाम देशों के बीच गर्व करते हैं। सबसे बड़ी बात टर्मिनल तक पहुँचने के लिए चलते हुए रैंप बनाये गये हैं, जिसमें आपके पाँव को आधा किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय करने में तकलीफ नहीं होती। हमारे विमान में डेढ़ घंटे का वक्त था। 49 नंबर एयरब्रिज के पास पहुँच कर हम निढाल होकर लेट गये। उड़ान से आधे घंटे पहले हम विमान में पहुँचे। आगे की तीन लाइन लग्जरी क्लास की थीं। हमें बीच में जगह मिली। एक साथ। हमारा विमान बोइंग 737 है। इसमें कुल 258 सीटें हैं। 18 प्रिमियम दर्जे की हैं, जबकि 240 इकोनोमी।

विमान ने दिल्ली के आसमान को अलविदा कहा और पहुँच गया बादलों के ऊपर। व्योमबालाओं ने जलपान पेश करना शुरू किया। खाने में दक्षिण भारतीय स्वाद था। पहले नन्हीं पानी की बोतलें। फिर थाली में एक छोटा मसाला डोसा, सांभर, चटनी, उपमा, फ्रूट सलाद, बंद, बटर,  चाय या फिर कॉफी का विकल्प। खाने की प्लेट इस तरह तैयार की गयी थी, जिसमें आपको पूरी कैलोरी मिल सके। थोड़ी देर में विमान समंदर के ऊपर उड़ान भर रहा था। हम चेन्नई के आसमान पर थे।

नीयत समय पर शहर दिखायी देने लगा। विमान नीचे उतर रहा था। यहाँ भी एयर ब्रिज से बाहर आया। हमारा लगेज बेल्ट पर तुरंत पहुँच गया। चेन्नई का एयरपोर्ट शहर की सीमा में है। यह लोकल ट्रेन के रेलवे स्टेशन त्रिशूलम के ठीक सामने है। आप सामान लेकर टहलते हुए लोकल स्टेशन जा सकते हैं। अब एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन के बीच से मेट्रो रेल भी गुजर रही है। बाहर आकर उबर को टैक्सी के लिए कॉल की। टैक्सी वाले भी पाँच मिनट में आ गये। हालाँकि टैक्सी एयरपोर्ट के अंदर लाने पर 100 रुपये सुविधा शुल्क देना पड़ जाता है। हम थोड़ी देर में अपने होटल में थे। वेस्ट तांब्रम इलाके में मुदीचूर रोड पर सेंथुर मुरगन रीजेंसी।

वैसे तांब्रम चेन्नई का बाहरी इलाका है। यह कांचीपुरम जिले में आता है। पर व्यस्त रेलवे स्टेशन है। 8 प्लेटफार्म हैं तांब्रम रेलवे स्टेशन पर। तांब्रम सेनेटोरियम रेलवे स्टेशन के पास से गुजरते हुए हमें में राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान (एनआईएस) का बोर्ड दिखायी देता है। सिद्ध चिकित्सा पद्धति के जनक महर्षि अगस्त्य माने जाते हैं। एनआईएस की स्थापना 2005 में पीएमके नेता अंबुमणि रामदौस के प्रयासों से हुई थी, इसके परिसर में एक बड़ा सिद्ध पद्धति का चिकित्सालय भी है। (http://nischennai.org/)

होटल सेंथुर मुरुगन हमने स्टेजिला डॉट काम से बुक किया था। हमें वेंडलूर जू और कांचीपुरम घूमना है अगले दिनों इसलिए हमने तांब्रम का इलाका रहने के लिए चुना है। यहाँ से ये दोनों स्थल निकट हैं, जबकि चेन्नई सेंट्रल 25 किलोमीटर दूर है। होटल एक मार्केट के दूसरी मंजिल पर है। तांब्रम रेलवे स्टेशन से होटल दो किलोमीटर है। पर इस सड़क पर हमेशा शेयरिंग आटो रिक्शा चलते हैं। होटल के ठीक नीचे खाने-पीने के लिए उत्तर भारतीय रेस्टोरेंट भी उपलब्ध हैं। पास में मेडिकल स्टोर और जनरल स्टोर भी है। खाना-पीना विमान में ही हो चुका था इसलिए होटल में सामान रखने के तुरंत बाद हम लोग चिड़ियाघर की सैर के लिए निकल पड़े।

(देश मंथन, 23 नवंबर 2015)

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें