विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
दिल्ली का तीन मूर्ति भवन। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का निवास स्थान। नेहरू जी के बाद को संग्रहालय और पुस्तकालय में परिणत कर दिया गया है।
पंडित नेहरू के द्वारा इस्तेमाल की गयी वस्तुएँ आज भी यहाँ देखी जा सकती हैं। यहाँ आप सुबह 10 बजे से 5 बजे तक जा सकते हैं। चाणक्यापुरी से ठीक पहले स्थित है तीन मूर्ति भवन। इस भवन के चार प्रमुख स्कंध हैं – स्मारक संग्रहालय, आधुनिक भारत से संबंधित पुस्तकालय, समसामयिक अध्ययन केन्द्र और नेहरू तारामण्डल।
तीन मूर्ति भवन का निर्माण 1930 में किया गया था। यहाँ चौराहे पर तीन मूर्तियाँ हैं जो एक ब्रिटिश मूर्तिकार लियोनार्ड जेनिंग्स द्वारा निर्मित हैं। ये तीन सैनिकों की खड़ी मूर्तियाँ है, उन्हीं के कारण इस भव्य भवन का नाम तीन मूर्ति भवन पड़ा है। वास्तव में द्वतीय विश्व युद्ध के सैनिकों का स्मारक है। यह इमारत देश आजाद होने से पहले ये मूल भवन भारत में ब्रिटिश सेना के कमांडर-इन-चीफ का आवास हुआ करता था, जिसे फ्लैग-स्टाफ हाउस कहते थे। यह ऑस्ट्योर क्लासिक शैली में निर्मित है।
दिल्ली के लुटियन्स जोन के केंद्र में तीन मूर्ति भवन सबसे खूबसूरत इमारतों में एक है। तीन मूर्ति भवन में 1964 में अपनी मृत्यु के समय तक भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू रहे। नेहरू की मौत के बाद ऐसा माना जा रहा था कि अगले प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री इसमें रहने जायेंगे। पर ऐसा नहीं हो सका। उनकी बेटी इंदिरा गांधी का दबाव था कि तीन मूर्ति भवन को नेहरू जी का स्मारक बनाया जाये। इस आशय का एक पत्र भी इंदिरा गांधी ने शास्त्री जी को लिखा था। नेहरू जी की बेटी के तौर पर इंदिरा गांधी ने भी यहाँ लंबा वक्त गुजारा था।
यहाँ से नेहरू जी चुनते थे गुलाब
तीन मूर्ति भवन के पीछे सीढ़ीनुमा गुलाब उद्यान है। इसी गुलाब उद्यान से नेहरू जी अपनी शेरवानी का गुलाब चुना करते थे। इस उद्यान की हरियाली देखते ही बनती है। उद्यान में दर्जनों मोर नृत्य करते नजर आते हैं जो बड़ा ही मनभावन लगता है। एक दूरबीन यहाँ का प्रमुख आकर्षण हैं। तीन मूर्ति भवन का लॉन कई ऐतिहासिक समारोहों का साक्षी रहा है।
तीन मूर्ति भवन में एक कैंटीन भी है। इस कैंटीन को सिर्फ महिलाएँ ही चलाती हैं। केंद्रीय दिल्ली में इससे सस्ता खाना और नास्ता आपको कहीं नहीं मिल सकता। कैंटीन के अंदर और बाहर बैठने का इंतजाम है। बाहर बैठते हैं तो आसपास हरियाली दिखायी देती है। जहाँ बैठकर चाय की चुस्की लेना काफी सुखकर लगता है।
नेहरू तारामंडल
तीन मूर्ति भवन परिसर में बच्चों के लिए तारामंडल बना है। ये तारामंडल इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान बनाया गया। नेहरू जी के जमाने में इस जगह पर टेनिस कोर्ट हुआ करता था, जहाँ राजीव गांधी और संजय गांधी टेनिस खेला करते थे।
कुशक महलॉ
तीन मूर्ति भवन और तारामंडल के बीच एक ऐतिहासिक विरासत दिखायी दे जाती है कुशक महल। कुशक महल वास्तव में कभी शिकार गाह हुआ करता था। इसे फिरोज शाह तुगलक ने 1351 से 1388 के मध्य बनवाया था। मुगल बादशाह यहाँ रायसीना के जंगलों में शिकार खेलने के लिए आते थे। अब ये प्रेमी-प्रेमिकाओं का मिलन स्थल बना हुआ है।
(देश मंथन, 10 अप्रैल 2015)