दो राज्यों का प्रवेश द्वार है वापी शहर

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

गुजरात का एक शहर वापी। वैसे तो जिला मुख्यालय भी नहीं है, पर इसका अपना महत्व है। यह हमारे देश के दो राज्यों का प्रवेश द्वार है। वापी रेलवे स्टेशन से एक तरफ निकलें तो दादरा नगर हवेली की ओर जा सकता हैं, वहीं दूसरी ओर निकलें तो दमन जा सकते हैं।

अगर आप मुंबई की ओर से आ रहे हैं तो बाईं तरफ यानी प्लेटफार्म नंबर एक से दमन की तरफ रास्ता जाता है। वहीं बाईं तरफ से बाहर निकलें तो सिलवासा के लिए रास्ता जाता है। इन दोनों ही राज्यों के लिए दिन भी शेयरिंग ऑटो रिक्शा मिलते हैं। वापी से दादरा नगर हवेली की राजधानी सिलवासा के गेट तक के लिए ऑटो वाले 20 रुपये लेते हैं, जबकि सिलवासा तक के 35 रुपये। वहीं वापी से दमन के सोमनाथ जंक्सन तक ऑटो से आप 10 रुपये में जा सकते हैं।

वापी गुजरात के वलसाड जिले का एक बड़ा औद्योगिक शहर है। बड़ौदा मुंबई लाइन पर वापी मुंबई से 170 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शहर की आबादी 1.63 लाख है, पर इस शहर में 1400 से ज्यादा छोटे बड़े उद्योग हैं। वापी टेक्सटाइल और केमिकल इंडस्ट्रीज के लिए जाना जाता है। यहाँ पर रेमंड, सेंचुरी टेक्सटाइल और वेलस्पन जैसी कंपनियों की इकाइयाँ उत्पादन में लगी हैं। केमिकल क्षेत्र से बायर, सुप्रीम केमिकल जैसी कंपनियों की इकाइयाँ हैं। विंबलडन जैसे लोकप्रिय टेनिस में खेलने वाले खिलाड़ी एक खास तरह के टावेल का इस्तेमाल करते हैं वह वापी से बनकर जाता है, पर इन उद्योंगो ने वापी की आबोहवा को खराब कर दिया है। गुजरात के वापी को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में गिना जाता है। राज्य के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में अंकलेश्वर पहले नंबर पर और वापी दूसरे नंबर पर है। वापी शहर के माथे पर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर होने का दाग लग गया है। अब इस दाग को धोने के लिए ही उद्योगों ने मिलकर यहाँ एशिया का सबसे बड़ा एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाया है।

हाल में वापी शहर के प्लास्टिक उद्योग में कौशल विकास और रोजगार सृजन के लिए गुजरात सरकार ने वापी में एक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की है। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन ने इस आशय का ऐलान किया है।

मैली हो गई दमन गंगा

वापी शहर से पास से होकर गुजरती दमन गंगा नदी जिसे पश्चिम की गंगा कहते हैं, पर अब ये नदी औद्योगिक कचरा ढोने वाली नाले की तरह नजर आती है। प्रदूषण के कारण नदी में अब मछलियाँ नजर नहीं आतीं। यह नदी अरब सागर में गिरती है। नासिक जिले में सह्याद्रि की पहाड़ियों से निकलने वाली इस नदी के तट पर वापी, दादरा, सिलवासा, दमन जैसे शहर बसे हुए हैं। नदी की कुल लंबाई 131 किलोमीटर है। नदी के उपरी इलाके में कोई उद्योग नहीं है। वह निर्मल जल लेकर आगे बढ़ती है, पर लोअर बेसिन में नदी के दायरे में 5000 से ज्यादा छोटे-बड़े उद्योग अपना कचरा इस नदी में उडेलते हैं।

(देश मंथन, 10 मार्च 2015)

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