महिला कैब में सुरक्षित होंगी दिल्ली की महिलाएं?

0
241

शिव ओम गुप्ता :

राजधानी में उबर कैब के ड्राइवर शिव कुमार यादव द्वारा कैब में सवार लड़की से बलात्कार की घटना से सबक लेते हुए दिल्ली पुलिस अब महिला कैब ड्राइवरों के बेड़े को सड़कों पर उतारने जा रही है।

 गौरतलब है उक्त हैरतअंगेज घटना को हुए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं और संभव है महिलाएं अब दिल्ली की सड़कों पर चल रहीं कैब सेवाएं लेने से भी हिचक रहीं होंगी। लेकिन ऐसी संभावना है कि जल्द ही दिल्ली की सड़कों पर महिलाएं कैब चलाती नजर आने लगेंगी।

दिल्ली पुलिस की ओर से उठाए गए इस कदम से माना जा रहा है कि इससे महिला यात्रियों के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ की घटनाएं कम होंगी। महिला कैब ड्राइवरों से लैस कुल 118 ऐसे कैब चलाये जाने की योजना है, जिसके क्रियान्वन और संचालन के लिए उत्तरी जिला पुलिस ने एक सर्वे का सहारा लिया है।

आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक करीब दिल्ली में कुल 6 बड़ी कैब कंपनियों की सैकड़ों कैब चलती हैं, जिनमें एक भी महिला ड्राइवर नहीं हैं।

कैब सर्विस में महिला ड्राइवरों की नियुक्ति के लिए कैब मालिकों एवं लोगों की राय जानने के बाद दिल्ली पुलिस ने सब्जीमंडी, गुलाबीबाग व सराय रोहिल्ला थानाक्षेत्र की झुग्गी बस्तियों में जाकर महिलाओं को कैब चालक बनने का प्रस्ताव दिया गया है। इनमें कई महिलाओं ने रोजी-रोटी के लिए घर से बाहर निकल चालक बनने की इच्छा जाहिर की है।

महिला कैब ड्राइव करने की इच्छुक महिलाओं को दिल्ली उत्तरी जिले में संचालित चार ड्राइविंग स्कूलों में प्रशिक्षित करने की भी योजना है, जहां पुलिस के साथ मिलकर महिला को कैब चलाने का प्रशिक्षण मुफ्त में दिया जाना है।

यही नहीं, कई पुलिसकर्मी भी ड्यूटी खत्म करने के बाद महिलाओं को 2-3 घंटे मुफ्त प्रशिक्षण देंगी। इस दिशा कई कैब कंपनियों के अलावा अन्य संगठन भी दिल्ली पुलिस को आर्थिक सहयोग देंगी।

दिल्ली पुलिस ने आधिकारिक रुप से पुष्टि की है कि कुल 142 महिलाएं उत्तरी जिला डीसीपी कार्यालय में पंजीकरण कराने पहुंचीं, जिनमें से 118 का पंजीकरण हो चुका है।

महिला कैब ड्राइवर के लिए पंजीकृत कुल 118 महिलाओं का चयन हाईस्कूल सर्टिफिकेट के आधार पर किया गया है, जिन्हें जल्द ही निरंकारी ग्राउंड में प्रशिक्षण किया जाएगा। इसके बाद ही उक्त महिला ड्राइवर्स व्यावसायिक वाहन चलाने के लिए लाइसेंस मुहैया कराया जाएगा।

इतना ही नहीं, दिल्ली पुलिस राजधानी की सड़कों पर दौड़ रहे सभी कैब और टैक्सी ड्राइवरों 22 दिसंबर से लैंगिक संवेदनशीलता से जुड़े दो घंटे का कोर्स कराने की भी योजना है, जिसके बाद गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट दिया जाएगा। परिवहन विभाग ने इसके लिए कुछ स्वयंसेवी संगठनों से बातचीत की है जो सभी केंद्रों पर इसका संचालन करेंगी।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें