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लखीमपुर खीरी : विपक्ष की विभाजक राजनीति या फिर प्रियंका गांधी के लिए लॉन्च-पैड?
राकेश टिकैत का ढोल उनके घर में फट गया
वैचारिक आत्मदैन्य से बाहर आती भाजपा
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
उत्तर प्रदेश अरसे बाद एक ऐसे मुख्यमंत्री से रूबरू है, जिसे राजनीति के मैदान में बहुत गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था।
बिहार से अलग नतीजे क्यों रहे उत्तर प्रदेश चुनाव के?
राजीव रंजन झा :
उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनावों में प्रचार, मतदान और मतगणना तक के समूचे दौर में लोगों को बार-बार बिहार चुनाव भी याद आता रहा।
तो उत्तर प्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी लाई कब्रिस्तान?
अभिरंजन कुमार, वरिष्ठ पत्रकार :
जब मैंने प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि ‘चुनाव के उत्सव में कब्रिस्तान और श्मशान कहाँ से ले आए मोदी जी?’, इसके बाद मेरे पास तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आई हैं। जो प्रतिक्रियाएं मेरे सवाल के साथ सहमति में आईं, उन्हें सामने रखने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनकी बात तो मैं कह ही चुका हूँ, लेकिन जो प्रतिक्रियाएं असहमति में आईं हैं, उन्हें स्पेस देना भी जरूरी लग रहा है।
“प्रियंका, मुलायम क्यों नहीं कर रहे पूरे उत्तर प्रदेश में प्रचार?”
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में चौथे चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले जहाँ प्रियंका वाड्रा और मुलायम सिंह यादव के कम प्रचार करने पर तंज कसा है, वहीं लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
कब्रिस्तान और श्मशान पर क्या कहा मोदी ने
उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करते हुए फतेहपुर की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कब्रिस्तान और श्मशान को लेकर एक ऐसी टिप्पणी की, जिसकी विरोधियों ने जम कर आलोचना की है।
उत्तर प्रदेश चुनाव : हार-जीत के बाद क्या?
हरिशंकर राय, सह-प्राध्यापक :
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के परिणाम से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली है।
वाह रे मुख्तार तेरी माया, भैया ने ठुकराया, बहन जी ने अपनाया!
अभिरंजन कुमार, वरिष्ठ पत्रकार :
यह मेरे मुस्लिम भाइयों-बहनों का सौभाग्य है या दुर्भाग्य, कि देश से लेकर प्रदेश तक के चुनावों में ध्रुवीकरण की राजनीति की मुख्य धुरी वही बने रहते हैं? उनका समर्थन और वोट हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों को कौन-कौन से पापड़ नहीं बेलने पड़ते!
समाजवादी गठबंधन को धूल चटाने को बीजेपी-बीएसपी बना सकती है हिडेन एलायंस!
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
समाजवादी+कांग्रेस गठबंधन से यह तय हो गया है कि उत्तर प्रदेश में इस बार मतदाताओं के पास जाति और धर्म से अलग जा कर मतदान करने का विकल्प सीमित या समाप्त हो गया है। विकास का नारा सिर्फ नारा रहेगा, लेकिन मतदान करने के लिये जाति और धर्म ही सबसे बड़ा इशारा रहेगा।