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वैचारिक आत्मदैन्य से बाहर आती भाजपा
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
उत्तर प्रदेश अरसे बाद एक ऐसे मुख्यमंत्री से रूबरू है, जिसे राजनीति के मैदान में बहुत गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था।
भारतीय राजनीति का ‘मोदी समय’
संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
चुनावों का संदेशः अपनी रणनीति पर विचार करे विपक्ष
सही मायनों में यह भारतीय राजनीति का ‘मोदी समय’ है। नरेंद्र मोदी हमारे समय की ऐसी परिघटना बन गए हैं, जिनसे निपटने के हथियार हाल-फिलहाल विपक्ष के पास नहीं हैं।
क्या एमसीडी चुनाव में फिर समर्पण करेगी कांग्रेस?
राजीव रंजन झा :
दिल्ली के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने तश्तरी में रख कर अरविंद केजरीवाल को सत्ता परोस दी थी।
एमसीडी चुनाव में हार का बहाना तैयार कर रहे हैं केजरीवाल?
राजीव रंजन झा :
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह बात अच्छी तरह जानते हैं कि चुनाव आयोग अब वापस कागजी मत-पत्र (बैलट पेपर) के युग में नहीं लौटेगा और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का ही इस्तेमाल होगा।
अब मुसलमानों की तरफ कदम बढ़ाये भाजपा
राजीव रंजन झा :
यदि भाजपा मानती है कि उत्तर प्रदेश में उसे कुछ मुस्लिम मत भी मिले हैं, तो अब एक-दो कदम आगे बढ़ाने की बारी उसकी है।
राजनीति छोड़ दें ईवीएम पर आरोप लगाने वाले
राजीव रंजन झा :
जो लोग उत्तर प्रदेश के हाल के चुनावी नतीजों को ईवीएम में गड़बड़ी का कमाल मानते हैं, उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। दो कारण हैं -
“प्रियंका, मुलायम क्यों नहीं कर रहे पूरे उत्तर प्रदेश में प्रचार?”
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में चौथे चरण का चुनाव प्रचार खत्म होने से पहले जहाँ प्रियंका वाड्रा और मुलायम सिंह यादव के कम प्रचार करने पर तंज कसा है, वहीं लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
उत्तर प्रदेश चुनाव : हार-जीत के बाद क्या?
हरिशंकर राय, सह-प्राध्यापक :
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के परिणाम से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली है।
भाजपा के राज-परिवार और शहजादे!
राजीव रंजन झा :
भारतीय जनता पार्टी अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी दल कांग्रेस को सबसे ज्यादा इसी बात पर चिढ़ाती है कि उसमें एक राज-परिवार है, एक रानी हैं, एक युवराज हैं और पूरी कांग्रेस इस परिवार से बाहर कुछ देख ही नहीं सकती।
कोकराझार कांड से सबक लेंगे सोनेवाल!
संदीप त्रिपाठी :
असम के कोकराझार के भीड़भाड़ वाले दो बाजारों में हुए हमलों में 14 लोग मारे गये। एक रिपोर्ट में बताया गया एनआईए ने इस संबंध में पहले ही इनपुट उपलब्ध करा दिये थे। फिर इसे रोकना संभव क्यों नहीं हुआ? एक खबर आ रही है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने मोर्चा संभाल लिया है।