Tag: Abhiranjan Kumar
पहलाज की पहल का समर्थन होना चाहिए
अभिरंजन कुमार :
फिल्मों में गालियों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की पहलाज निहलानी की पहल काबिल-ए-तारीफ है।
केजरीवाल और महत्वाकांक्षा
अभिरंजन कुमार :
अरविंद केजरीवाल ने शपथ ग्रहण के बाद जो भाषण दिया, वह बेहद संतुलित और राजनीतिक रूप से परिपक्व था। पिछली बार की गलतियों से सबक लेने और इस बार कुर्सी पर जमे रहने का संकल्प उनके भाषण में दिखा। लालच और अहंकार से बचने का सबक अच्छा है।
बॉलीवुड के पोर्न-कारोबारियों को रेपिस्टों जैसी सजा मिले
अभिरंजन कुमार :
इंटरनेट, टीवी और फिल्मों के जरिए बेलगाम फैलाई जा रही अश्लीलता हमारे लिए बड़ी चिंता का मसला है, लेकिन AIB विवाद ने हमारी चेतना को झकझोर कर रख दिया है, इसलिये इसे लेकर मैं तल्खतम टिप्पणी करना चाहता हूं।
दिल्ली चुनाव और दिल की बात
अभिरंजन कुमार :
दिल्ली में कोई जीते, कोई हारे, मुझे व्यक्तिगत न उसकी कोई ख़ुशी होगी, न कोई ग़म होगा, क्योंकि मुझे मैदान में मौजूद सभी पार्टियां एक ही जैसी लग रही हैं। अगर मैं दिल्ली में वोटर होता, तो लोकसभा चुनाव की तरह, इस विधानसभा चुनाव में भी "नोटा" ही दबाता।
साईं बाबा ही नहीं, घनश्याम पांडे भी ‘भगवान’ नहीं थे!
अभिरंजन कुमार :
साईं बाबा भगवान नहीं थे, यह तो तय है और इसीलिए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की कई दलीलों से सहमत नहीं होते हुए भी तथ्य के आधार पर मैंने उनका समर्थन किया।
जनता के सारे भरम तोड़ डाले केजरीवाल ने
अभिरंजन कुमार :
केजरीवाल की बीमारी सिर्फ यह नहीं है कि वे खुद को छोड़ कर बाकी सबको चोर, बेईमान, भ्रष्ट मानते हैं, बल्कि उनकी बीमारी यह भी है कि वे खुद को छोड़ कर बाकी सबको मूर्ख, बेवकूफ और अनपढ़ भी मानते हैं।
राजनीति साफ़ हुई न हुई, मीडिया और गंदा हो गया
अभिरंजन कुमार
इस बार के चुनाव में मीडिया की निष्पक्षता पर मुझे भारी संदेह है। ज़्यादातर संस्थान किसी न किसी राजनीतिक दल के पक्ष में खुल कर बैटिंग कर रहे हैं।