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इज्जत दो, इज्जत बढ़ेगी
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
ड्राइवर गाड़ी चला रहा था, मैं अपनी पत्नी के साथ पीछे बैठा था।
कल बहुत दिनों के बाद पत्नी के बार-बार कहने पर मैं नया मकान देखने जा रहा था। मैंने पहले भी आपको बताया है कि पत्नी का कहना है कि मुझे बड़े घर में शिफ्ट होना चाहिए। एक ऐसे घर में जहाँ मेरे सोने के लिए अलग कमरा हो, पढ़ने के लिए अलग। जहाँ चार मेहमान अगर आ जाएँ, तो हम ठीक से उनकी मेहमानवाजी कर पाएँ।
हम जो देते हैं, वही पाते हैं
संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :
इंदिरा गाँधी कहा करती थीं, “बातें कम, काम ज्यादा।” मैं तब उनके इस कहे का मतलब नहीं समझ पाता था। पर एक दिन पिताजी ने मुझे समझाया कि जो लोग ज्यादा बातें करते हैं, वो काम कम करते हैं। आदमी को काम अधिक करना चाहिए। इससे आदमी का, देश का, समाज का और दुनिया का विकास होता है। मेरी समझ राजनीतिक तो थी नहीं, इसलिए मैंने पिताजी से पूछ लिया था कि आखिर इंदिरा गाँधी को ऐसा कहने की जरूरत ही क्यों आ पड़ी? अगर यह सही है कि काम करने से आदमी का विकास होता है, तो ये बातें किताब में लिखी होनी चाहिए थी। मेरे स्कूल के मास्टर साहब को बतानी चाहिए थी।
खुद की इज्जत करने वाले दूसरों की भी इज्जत करते हैं
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
कई लोगों को अपनी तारीफ अच्छी नहीं लगती। कई लोग अपनी तारीफ सुन कर थोड़ा झेंप जाते हैं, लेकिन मुझे अपनी तारीफ पसंद है। मैं बहुत से अच्छे काम इसलिए करता हूँ ताकि मुझे तारीफ मिले।
सोनिया जी, यह न 1975 है, न 1986, इसलिए कोर्ट का सम्मान करें
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
सोनिया गाँधी सही कह रही हैं कि वह इंदिरा गाँधी की बहू हैं। वह इंदिरा गाँधी की बहू हैं, इसीलिए कोर्ट का भी आदर नहीं कर रही हैं। इंदिरा गाँधी ने भी 1975 में अपने निर्वाचन को अवैध करार देने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को नहीं माना था और देश में इमरजेंसी लगा दी थी। उस वक्त उन्होंने विपक्ष के साथ जो किया था, राजनीतिक दुर्भावना और दुश्मनी उसे कहते हैं, न कि भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट समन कर दे तो उसे कहते हैं।
हिन्दी शूड बी प्रोमोटेड !!
अजय अनुराग :
हिन्दी के प्रति हमारा दृष्टिकोण या तो सहानुभूति का रहा है या फिर संकोच का। सहानुभूति रखने के कारण हम उसके अस्तित्व को लेकर दुखी रहते हैं तो संकोच के कारण अंग्रेजी के समक्ष हम उसे दोयम दर्जे की भाषा समझते हैं।
झुंझनू में रानी सती का मन्दिर
विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
राजस्थान के झुंझनू में स्थित है रानी सती का मन्दिर। शह के बीचों बीच स्थित मन्दिर झुंझनू शहर का प्रमुख दर्शनीय स्थल है। बाहर से देखने में ये मन्दिर किसी राजमहल सा दिखायी देता है। पूरा मन्दिर संगमरमर से निर्मित है। इसकी बाहरी दीवारों पर शानदार रंगीन चित्रकारी की गयी है। मन्दिर में शनिवार और रविवार को खास तौर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
अलविदा
संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मन था मुंबई ब्लास्ट पर लिखूँ। मन था कि याकूब को मिली फाँसी पर लिखूँ। कल देर रात दफ्तर में बैठा रहा, रात भर याकूब मेमन को बचाने की कोशिशों की खबरों का अपडेट करता रहा। सोचता रहा कि क्या लिखूँ।