Tag: Vidyut Prakash Maurya
योग साधना का केंद्र – श्री अरविंदो आश्रम पुडुचेरी

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पुडुचेरी की पहचान अरविंदो आश्रम से भी है। यह आध्यात्मिक चेतना का बड़ा केंद्र है। श्री अरविंदो आश्रम 24 नवंबर 1926 को अरविंदो द्वारा स्थापित किया गया था। इस दिन को सिद्धि दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
अदभुत, अनूठा – ऑरोविल इंटनेशनल सिटी

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
ऑरोविल इंटरनेशनल सिटी को आमतौर पर लोग पुडुचेरी में कहते हैं पर यह पुडुचेरी के पास तमिलनाडु राज्य के विलुप्पुरम जिले में स्थित है। यह एक प्रायोगिक नगर है। इसकी स्थापना 1968 में मीरा रिचर्ड ने की थी। इसकी रूपरेखा वास्तुकार रोजर ऐंगर ने तैयार की थी।
इरूंबाई के महाकालेश्वर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पुडुचेरी के पास इरुंबाई गाँव में शांत वातावरण में महादेव शिव का अदभुत मंदिर है। इसे तमिल लोग महाकालेश्वर के नाम से जानते हैं। इस शिव मंदिर को 2,000 साल से ज्यादा पुराना माना जाता है। मंदिर की कथा कई तमिल कविओं और संतों से जुड़ी हुई है।
हुसैन सागर झील में बुद्ध

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
देश की सबसे बड़ी झील है हुसैन सागर, इस मायने में कि ये इंसान की बनवायी हुई है। प्राकृतिक नहीं है। इस झील के बीचों बीच खडे हैं विशाल गौतम बुद्ध। यह देश की सबसे बड़ी अखंड बुद्ध प्रतिमा है। इसकी स्थापना इस झील में एक दिसंबर 1992 को की गयी थी। इस 200 शिल्पियों ने गणपति सतपथी की अगुवाई में तकरीबन दो साल के समय में तैयार किया था।
ऋषि अगस्त्य की भूमि पुडुचेरी

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
तमिलनाडु के पास नन्हा सा राज्य पुडुचेरी या पांडिचेरी महान ऋषि अगस्त्य की भूमि मानी जाती है। वही अगस्त्य मुनि जो समुद्र को पी गये थे। जिन्होंने संसार की श्रेष्ठ भाषा तमिल का आविष्कार किया। हालाँकि पुडुचेरी केंद्र शासित प्रदेश है पर यहाँ विधान सभा चुनाव कराये जाते हैं दिल्ली की तरह। पुडुचेरी का विस्तार कुल 479 वर्ग किलोमीटर में है। साल 2011 की जनगणना में पुडुचेरी की आबादी 12.48 लाख थी।
सुहाना सफर : ईस्ट कोस्ट रोड का

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
तमिलनाडु का स्टेट हाइवे नंबर 49 ईस्ट कोस्ट रोड के नाम से मशहूर है। वैसे तो लोग इसे ईसीआर के नाम से बुलाते हैं। इसीआर पर सफर करना ऐसा आनंदित करता है मानो ये सफर कभी खत्म न हो।
बापू और अंबेडकर के साथ पुडुचेरी की शाम

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
अगर आप हिन्दुस्तान के इस छोटे से सुंदर से शहर पुडुचेरी में हैं तो शाम गुजारने के लिए गाँधी प्रतिमा से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती। न सिर्फ देशी बल्कि विदेशी लोग भी यहाँ घंटों फुरसतियाते मिल जाएँगे। गाँधी स्टैच्यू के दोनों तरफ पुडुचेरी में बने इस मरीन ड्राइव की लंबाई करीब 1.25 किलोमीटर है।
गली कासिम जान- गालिब की हवेली

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पुरानी दिल्ली में चाँदनी चौक से फतेहपुर मस्जिद की ओर बढ़ते हुए गुरुद्वारा शीशगंज और नयी सड़क के बाद बायीं तरफ आता है बल्लीमारान। वैसे तो बल्लीमारान आज की तारीख में चश्मे और जूते चप्पलों को बड़ा बाजार है। पर इन्ही बल्लीमारान की गलियों में थोड़ी दूर चलने पर आपको गली कासिम जान का बोर्ड नजर आता है। इस बोर्ड को देखकर कुछ याद आने लगता है।
मुगल बादशाह के स्वागत में बना था जहाँगीर महल

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
अत्यंत भव्य जहाँगीर महल ओरछा के राजमहल का प्रमुख हिस्सा है। इस महल का एह हिस्सा शीशमहल होटल में तब्दील कर दिया गया है। जहाँगीर महल के बारे कहा जाता है कि इस भव्य महल को ओरछा के राजा वीर सिंह देव प्रथम (1505 से 1527) ने शहंशाह जहाँगीर के स्वागत में बनवाया था।
ओरछा : राजा राम का मंदिर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
देश में राजा रामचंद्र का एक ऐसा मंदिर है, जहाँ राम की पूजा भगवान के तौर पर नहीं बल्कि राजा के रूप में की जाती है। अब राजा राम हैं तो उन्हें सिपाही सलामी भी देते हैं। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित ओरछा के राजा राम मंदिर की। यहाँ राजा राम को सूर्योदय के पूर्व और सूर्यास्त के पश्चात सलामी दी जाती है। इस सलामी के लिए मध्य प्रदेश पुलिस के जवान तैनात होते हैं।