विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
चार-पाँच मई 1930 की दरम्यानी रात। ब्रिटिश सरकार चुपके से गाँधी जी गिरफ्तार करती और उन्हें आगे ले जाने के लिए फैसला होता है रेलगाड़ी से। नवसारी के पास कराडी में पंजाब प्रांत से मुंबई जाने वाली फ्रंटियल मेल को रात में रोक लिया जाता है।
महात्मा गाँधी को गिरफ्तार कर इस ट्रेन में बिठाया जाता है। लोगों को गिरफ्तारी की खबर सुबह लगती है। ये वकाया दांडी मार्च के बाद का है। इसके बाद बापू की 26 जनवरी 1931 को रिहाई हुयी। रेलवे स्टेशन के बगल में एक स्मृति पट्टिका लगायी गयी है, जिसमें गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में ये जानकारी दी गयी है कि बापू इसी जगह से फ्रंटियर मेल में प्रविष्ट हुये।
गुजरात मे नवसारी से तीन किलोमीटर आगे है गाँधी स्मृति रेलवे स्टेशन। स्टेशन कोड GNST है। मुंबई की तरफ से आयें तो वलसाड से 36 किलोमीटर आगे आता है गाँधी स्मृति। जैसा की नाम से ही लगता है, ये रेलवे स्टेशन गाँधी जी की याद में बना है। यहाँ गाँधी जी से वार्ता के लिए फ्रंटियर मेल रोकी गई थी। फ्रंटियर मेल जो आजकल गोल्डेन टेंपल मेल के नाम से जानी जाती है, ब्रिटिश काल में अत्यंत वीआईपी ट्रेन थी। समय से ऐसे चलती थी कि उसके स्टेशन पर पहुँचने से लोग अपनी घड़ी का समय मिलाया करते थे। अंग्रेजों में बर्फ कि सिल्लियों से इसमें वातानुकूलन का इंतजाम किया था। तब फ्रंटियर मेल पेशावर से मुंबई चलती थी। इसलिये इसे फ्रंटियर मेल कहा जाता था। अब ये अमृतसर से मुंबई सेंट्रल के बीच चलती है। ये ट्रेन 1 सितंबर 1928 को आरंभ हुई थी। रूटीन में इसका तब नवसारी में भी स्टाप नहीं हुआ करता था पर बापू को गिरफ्तार के करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से रेल को यहाँ रोका गया।
अब बापू की गिरफ्तारी की याद में यहाँ रेलवे स्टेशन बना दिया गया है। पर वास्तव में ये एक हाल्ट स्टेशन है। यहाँ पर कुछ गिनती की रेलगाड़ियाँ ही रुकती हैं। रेलवे स्टेशन पर टिकट बिक्री का काम एजेंटों के हवाले है। विरार (मुंबई) भरूच को जाने वाली पैसेंजर (59009 ) यहाँ पर रुकती है। मैं इसमें वापी से सवार हुआ था। रेलवे स्टेशन का नाम गाँधी स्मृति नाम देखकर उत्सुकता होती है। वैसे गाँधी स्मृति में दिन भर में कुल तीन पैसेंजर ट्रेनें ही रूकती हैं।
दांडी 16 किलोमीटर
ऐतिहासिक दांडी जहाँ बापू ने नमक कानून तोड़ा था, 6 अप्रैल 1930 को समुद्र तट भी गुजरात के नवसारी जिले में है। दांडी की दूरी नवसारी से 16 किलोमीटर है। आप गाँधी स्मृति में या फिर नवसारी में उतर कर दांडी समुद्र तट जा सकते हैं। नवसारी सूरत से 37 किलोमीटर की दूरी पर है।
जमशेदजी टाटा, चीकू और नवसारी
वैसे पूर्णा नदी के तट पर बसा नवसारी शहर चीकू और आम के लिए जाना जाता है। देश भर में मिलने वाला चीकू नवसारी से ही आता है। 1142 में नवसारी पहली बार पारसी लोगों को आगमन हुआ। नवसारी टाटा समूह के संस्थापक जमशेद जी नवसेरवान जी टाटा की जन्मस्थली है। स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े दादा भाई नौरोजी भी नवसारी के रहने वाले थे। देश की पहली महिला फोटो जर्नलिस्ट होमाई वायरवाला (पद्मभूषण 1911) भी नवसारी की रहने वाली थीं। उन्होंने पंडित नेहरू की कई लोकप्रिय तस्वीरें खिंची थीं। उन्होंने लालकिले पर तिरंगा लहराने की पहली तस्वीर भी क्लिक की थी। डालडा 13 नाम से लोकप्रिय वायरवाला का निधन 99 साल की उम्र में बड़ौदा में 2012 में हुआ। नवसारी में एक कृषि विश्वविद्यालय भी है। नवसारी शहर में मोटा बाजार (मतलब बड़ा बाजार) यहाँ का प्रमुख खरीद बिक्री का केंद्र है।
(देश मंथन, 13 मार्च 2015)