आपका क्या होगा जनाबे आली

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
"मैं बिहार से आया हूँ। आप का प्रचार करने। सर किराये पर कमरा लेने गया तो पूछा किस लिए चाहिए। मैंने सही बता दिया कि अरविंद केजरीवाल का प्रचार करने आया हूँ।
‘नीच राजनीति’ पर मोदी का पलटवार

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
‘नीच राजनीति’ करने के प्रियंका गांधी के आरोप का नरेंद्र मोदी ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया है। मोदी ने इसे अपनी पिछड़ी जाति की पृष्ठभूमि से जोड़ दिया है।
प्रियंका के प्रति मेरी सहानुभूति

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
प्रियंका वाड्रा ने शिकायत की है कि उनके भाई और मां के चुनाव क्षेत्र में कई लोग ऐसी पुस्तिकाएँ बंटवा रहे हैं, जो घोर आपत्तिजनक हैं। ये पुस्तिकाएँ वे रात के अंधरे में लोगों के घरों में डलवा रहे हैं।
मैं आजमगढ़ से हूँ, मेरा शहर अब वो नहीं रहा

पीयूष श्रीवास्तव, पत्रकार :
मैं, आजमगढ़ से हूँ, इस शहर ने मुझे जिंदगी के कठिन रास्तों पर चलना सिखाया। आज जो कुछ भी हूँ इस शहर की वजह से ही हूँ।
आप बेटी के अलावा क्या हैं?

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
प्रियंका वाड्रा ने यह ठीक ही कहा है कि ‘वे राजीव गांधी की बेटी हैं।' इसमें गलत कुछ नहीं है। उन्होंने यह बात इतने सलीके से कही है कि कोई भी इसे नरेंद्र मोदी पर प्रहार नहीं कह सकता।
तीसरा मोर्चा : कुर्सी ही ब्रह्म है

डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
तीसरा मोर्चा एक मृग-मरीचिका बन गया है। कभी वह आँखों के आगे नाचने लगता है और कभी वह एकदम अदृश्य हो जाता है। अब फिर कांग्रेस के कुछ शीर्ष नेताओं ने उसे जिंदा किया है।
क्या सही में लालू की वापसी हो रही है

रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
"लालू जिंदा हो गया है। सब बोलते थे कि लालू खत्म हो गया। देखो कहाँ ख़त्म हो गया है।" लालू यादव को जैसे ही मैंने कहा कि लोग बता रहे हैं कि आप बिहार में नंबर दो पर आ गये हैं।
कितने करोड़ का है बीजेपी का अभियान?

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
बीजेपी का प्रचार अभियान इस बार जितना बड़ा है शायद उतना पहले कभी नहीं रहा है। इसका विस्तार टेलीविजन, अखबार, रेडियो और सड़कों पर लगे होर्डिंग में दिख रहा है।
वैधानिक चेतावनी : हिटलर और केजरीवाल की इन तस्वीरों में संबंध नहीं

जैसे-जैसे चुनावी सरगर्मियाँ परवान चढ़ रही हैं, वैसे-वैसे विभिन्न दलों के बीच जुबानी जंग भी तीखी होती जा रही है। लेकिन नेताओं की जुबानी जंग के बीच सामाजिक माध्यमों (सोशल मीडिया) पर लोगों की रचनात्मकता भी खूब गुल खिला रही है।
दिल्ली वाया पूर्वांचल

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
भीड़ पचास हजार थी, एक लाख या तीन लाख? लोग स्थानीय थे या बाहरी? लोग आये थे या लाये गये थे? इन तमाम सवालों पर लोग अपनी-अपनी आस्था, विश्वास और विचारधारा के हिसाब से चाहे बहस करते रहें।
क्या वाकई इकतरफा चुनाव होगा बनारस में?

पीयूष श्रीवास्तव, पत्रकार :
भगवा टोपी, सफेद टोपी, लाल टोपी... जिधर देखो टोपी ही टोपी। न टोपी पहनने वालों की कमी, न ही टोपी पहनाने वालों की कमी। हालत यह है कि जिसे देखो वही टोपी पहनने की होड़ में है।
‘बेटा बन गया, मुझे भी कुछ बनाओ’

अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कल आजमगढ़ से भी पर्चा भर दिया। वो मैनपुरी से भी चुनाव लड़ रहे हैं।