क्या विजय रुपानी को मिलेगा जन्मदिन का तोहफा?
राणा यशवंत, प्रबंध संपादक, इंडिया न्यूज :
आनंदी बेन ने पद छोड़ने की इच्छा फेसबुक पर ज़ाहिर की, यह अपनी तरह की पहली घटना है। गुजरात में भाजपा कई सवालों में है और अगर अगले साल वह गुजरात हारती है तो प्रधानमंत्री मोदी के लिए उनके पाँच साल के कार्यकाल की (मैं अगले ढाई साल भी जोड़ ले रहा हूँ) यह सबसे बड़ी हार होगी। और, 2019 की मोदी की लड़ाई को बहुत कमजोर भी करेगी।
मान-सम्मान की जंग से चुनावी जीत की ललक
राजेश रपरिया :
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के चहेते उत्तर प्रदेश भाजपा के हाल तक रहे उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की बसपा सुप्रीमो मायावती पर की गयी एक अभद्र टिप्पणी से विधानसभा चुनावों के तकरीबन 9 महीने पहले अनायास या सायास भूचाल आ गया है।
बसपाइयों के शर्मनाक कृत्य पर सियासी बेशर्मी
संदीप त्रिपाठी :
भाजपा से बर्खास्त दयाशंकर सिंह ने मायावती पर बहुत गलत टिप्पणी की थी। भाजपा ने तत्काल इसके लिए उन्हें दंडित किया। सभी ने दयाशंकर की निंदा की। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गयी और पुलिस उनकी तलाश कर रही है, वे फरार हैं। बलिया निवासी दयाशंकर लखनऊ विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति की उपज हैं। छात्र संघ के अलावा कहीं कोई चुनाव जीत नहीं सके। यानी आप मान सकते हैं कि अभी राजनीतिक वयस्कता की दृष्टि से दयाशंकर बालिग नहीं हैं। फिर भी उन्होंने मायावती पर जो अपमानजनक टिप्पणी की, उसका उन्हें दंड मिला।
भाजपा में कैसे जगह पाते हैं दयाशंकर जैसे लोग
संदीप त्रिपाठी :
उत्तर प्रदेश भाजपा के नवनियुक्त उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह बसपा सुप्रीमो मायावती पर अभद्र टिप्पणी करके न सिर्फ अपनी कुर्सी गवाँ बैठे बल्कि उन्हें पार्टी से भी छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया। लखनऊ के हजरतगंज थाने में उन पर एससी-एसटी एक्ट समेत कई धाराओं में प्राथमिकी भी दर्ज कर ली गयी है।
तो अब सिद्धू भैया का करिहैं…
संदीप त्रिपाठी :
नवजोत सिंह सिद्धू अब क्या करेंगे? पूर्व क्रिकेटर, कमेंटेटर, कॉमेडी शो जज और भाजपा नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू, जो पंजाब में भाजपा विधायक और संसदीय सचिव थीं, उन्होंने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। हालाँकि अभी इन दोनों ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन इनके आम आदमी पार्टी में जाने के कयास खूब लग रहे हैं। सवाल यह है कि अब सिद्धू क्या करेंगे?
अरुणाचल प्रकरण : अपने खोदे गड्ढे में खुद गिरी भाजपा
संदीप त्रिपाठी :
अरुणाचल प्रदेश प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भारतीय जनता पार्टी की किरकिरी हुई है। भाजपा इस किरकिरी के ही लायक है। वैसे तो इस किरकिरी के लायक कांग्रेस समेत अन्य सभी राजनीतिक दल हैं लेकिन चूँकि कांग्रेस इस फैसले की लाभार्थी है, इसलिए वह अभी मस्त है।
राज बब्बर यूपी में कांग्रेस के लिए कौन से समीकरण साधेंगे
संदीप त्रिपाठी :
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने राज बब्बर को अपना प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 9 माह बाकी है, इसलिए तब तक कोई नियुक्ति होगी, वह चुनाव की दृष्टि से मानी जायेगी। तो देखना पड़ेगा कि कांग्रेस ने राज बब्बर को अध्यक्ष नियुक्त कर कौन से समीकरण साधे हैं।
उत्तर प्रदेश में दाँव पर प्रशांत किशोर की साख
संदीप त्रिपाठी :
उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव किसके लिए वाटरलू साबित होगा?, यह सवाल बड़ा मौजू है। सामान्य तौर पर देखा जाये तो सबसे बड़ा दाँव मायावती की बहुजन समाज पार्टी और नरेंद्र मोदी-अमित शाह की भारतीय जनता पार्टी का है। समाजवादी पार्टी सरकार में होने के कारण बचाव की मुद्रा में है तो कांग्रेस अभी तक कहीं लड़ाई में नहीं आयी है। लेकिन इस विधानसभा में इन चारों दलों से बड़ा दाँव चुनाव रणनीतिकार और प्रबंधक के रूप में ख्यात प्रशांत किशोर का लगा है।
बसपा नेताओं के पार्टी छोड़ने के सिलसिले की सियासत
संदीप त्रिपाठी :
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से 9 महीने पूर्व से ही इस बार सत्ता के लिए सबसे मजबूत दावेदार मानी जाने वाली मायावती की बहुजन समाज पार्टी में महत्वपूर्ण नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। सबसे पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता और बसपा के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी छोड़ी। फिर राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री आर.के. चौधरी ने पार्टी छोड़ी।
क्या अल्लाह अपनी संतानों के खून से खुश होगा?
अभिरंजन कुमार, पत्रकार :
ईद के दिन हुए हमले के बाद बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बार फिर कहा है कि "जो लोग ईद के दौरान भी हमले कर रहे हैं, वे इस्लाम और मानवता के दुश्मन हैं।" ईद और रमजान का हवाला देते हुए जब वे आतंकी हमलों की निंदा करती हैं, तो उनका यह मतलब कतई नहीं होता कि बाकी दिनों में हमले जायज हैं, जैसा कि सोशल मीडिया पर मजाक चल रहा है।
मंत्रिमंडल विस्तार के लिए यूपी का दाँव
संदीप त्रिपाठी :
मोदी कैबिनेट के मंगलवार की सुबह 11 बजे होने वाले विस्तार के लिए सबसे ज्यादा चर्चा उत्तर प्रदेश चेहरों की है। आइये, देखते हैं विभिन्न वेबसाइटों में क्या-क्या चर्चा चल रही है
स्वामी प्रसाद मौर्य के सीमित होते विकल्प
संदीप त्रिपाठी :
बसपा से बगावत कर स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहली गलती की थी, दूसरी गलती उन्होंने सपा को गुंडों की पार्टी कह के की। मौर्य की पहचान मौर्य-कुशवाहा समाज के नेता के रूप में कम, मायावती के सिपहसालार के रूप में ज्यादा रही है। सपा के विरुद्ध विषवमन के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा में शामिल होने की जुगत में जुटे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य सभी नपा-तुला बोल रहे हैं। स्वामी प्रसाद अब लखनऊ से दिल्ली के बीच दौड़ लगा रहे हैं।