कविगुरु एक्सप्रेस से महामना एक्सप्रेस तक

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के नाम पर 22 जनवरी 2016 से वाराणसी और दिल्ली के बीच नई ट्रेन महामना एक्सप्रेस चलायी गयी है। संयोग है कि इस ट्रेन का संचालन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे होने के मौके पर किया जा रहा है। विश्वविद्यालय की स्थापना 4 फरवरी 1916 को हुई थी।

देश में ज्यादातर रेलगाडियों के नाम वैसे तो नदियों के नाम पर हैं या फिर जिन राज्यों से ट्रेन गुजरती हैं उनका कनेक्शन नाम में दिखायी देता है। जैसे गंगा कावेरी एक्सप्रेस जो वाराणसी को चेन्नई से जोड़ती है। सरयू यमुना एक्सप्रेस, ब्रह्मपुत्र मेल, कालिंदी एक्स्प्रेस, गोदावरी एक्सप्रेस (हैदराबाद –विशाखापत्तनम), क्षिप्रा एक्सप्रेस, तीस्ता तोरसा एक्सप्रेस,  आदि। राज्यों और क्षेत्रों के नाम देखें- पंजाब मेल, शाने पंजाब एक्सप्रेस, सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस, मंगला लक्षदीप एक्सप्रेस, महाकौशल एक्सप्रेस इस्टकोस्ट एक्सप्रेस ।

महापुरुषों के नाम पर ट्रेनों के नाम रखे जाने की परंपरा कम रही है। पर रविंद्र नाथ टैगोर के नाम पर हमें कविगुरु एक्सप्रेस नाम मिलता है। कविगुरु एक्सप्रेस नाम से तो ट्रेनों सीरीज है। स्वामी विवेकानंद के नाम पर विवेक एक्सप्रेस सीरीज की रेलगाड़ियाँ दौड़ती है। वहीं इलाहाबाद मुंबई के बीच तुलसी एक्सप्रेस भी चलती है। यह महाकवि तुलसी दास के नाम पर है। टैगोर की रचना गीतांजलि के नाम पर गीतांजलि एक्सप्रेस दौड़ती है। तो बांग्ला के एक और प्रसिद्ध कवि सुभाष मुखोपाध्याय की काव्य रचना पर पदातिक के नाम पर पदातिक एक्सप्रेस दौड़ती है। जय शंकर प्रसाद की रचना कामायनी के नाम पर कामायनी एक्सप्रेस दौड़ती है। प्रेमचंद की मशहूर कृति के नाम पर गोदान एक्सप्रेस नामक ट्रेन है। शायर कैफी आजमी के नाम पर कैफियत एक्सप्रेस चलती है। काजी नजरूल इस्लाम की काव्य रचना अग्निवीणा के नाम पर अग्निवीणा एक्सप्रेस दौड़ती है। पदातिक औ अग्निवीणा जैसे नामों का चयन ममता बनर्जी के रेल मंत्री रहने के कार्यकाल में हुआ।

ऐतिहासिक घटनाओं को याद दिलाती हुई भी ट्रेनों के तमाम नाम हैं :  सत्याग्रह एक्सप्रेस, नवजीवन एक्सप्रेस, सेवाग्राम एक्सप्रेस, आश्रम एक्सप्रेस, दीक्षाभूमि एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, आजाद हिंद एक्सप्रेस, अगस्त क्रांति राजधानी एक्सप्रेस । संपूर्ण क्रांति और सत्याग्रह जैसे नाम नीतीश कुमार के रेलमंत्री रहने के कार्यकाल में सुझाए गये थे।

बहुत सी रेलगाड़ियों के नाम धार्मिक आस्था से जुड़े हैं। इनकी बानगी भी देखिए : गरीब नवाज एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, गोल्डेन टेंपल मेल, गोरखधाम एक्सप्रेस, प्रयागराज एक्सप्रेस, सचखंड एक्सप्रेस, महाबोधि एक्सप्रेस, सारनाथ एक्सप्रेस । इनमें हिंदू, मुस्लिम, सिख आस्था की झलक दिखायी दे जाती है। अलग-अलग रेलगाड़ियों के नामों पर गौर करें तो इसमें हमारी राष्ट्रीय एकता, संस्कृति की झलक बखूबी मिलती है।

(देश मंथन, 02 अप्रैल 2016)

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