घड़ी में गर्लफ्रेंड

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आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार  :

वक्त का वक्त भी बदल गया है। हाथ-घड़ी में पूरा स्पेस,पूरा हक अब वक्त का नहीं है, मोबाइल फोन घुस आया है घड़ी में, घड़ी मोबाइल फोन से कनेक्ट हो गयी है। सैमसंग, टाइटन समेत कईयों से ऐसी घड़ियाँ बना दी हैं। एकदम फास्ट स्पीड से घड़ी में मोबाइल के मैसेज देखो, मोबाइल खुलने में तो एकाध सेकंड लग जाता है। इतना लंबा इंतजार नयी पीढ़ी को शोभा ना देता।

उफ्फ घड़ी, मोबाइल, लैपटाप, बड़का कंप्यूटर सबमें मैसेज ही देखते रहें, तो बंदा काम कब करे, यह सवाल पुरानी जेनरेशन का सवाल है। वैसे सिकंदर भारत आकर विश्व-विजयी तब ही हो पाया, जब उसके पास मोबाइल, स्मार्ट घड़ी जैसे आइटम न थे। अबके वक्त में सिकंदर इंडिया में दाखिल होता बाद में, पहले मिसेज सिकंदर व्हाट्सअप पर बीस साड़ियों के फोटो भेज देतीं, दिल्ली की उस दुकान के फोटो के साथ, जहाँ ये साड़ियाँ मिलेंगी, थैंक्स गूगल सर्च।

एक शराब प्रेमी से मैंने कहा-ये स्मार्ट-घड़ी तुम्हे शराब पीने का टाइम पर अलार्म देगी, शराब की दुकान के पते के साथ।

शराब प्रेमी बोला-शराबी को बिना गूगल सर्च के ही अपने शहर की सारी शराब की दुकानों को पता होता है, और उसकी बाडी खुद ही अलार्म दे देती है कि अब समय हो गया है पीने का। और प्रतिबद्ध शराबी की बाडी तो 24X7 यह अलार्म देती रहती है कि अब समय हो गया है………।

स्मार्ट नौजवान एक से ज्यादा गर्लफ्रेंडवाले होते हैं, सबके मैसेज स्मार्ट-घड़ी पर आयेंगे, मैसेज देनेवाली का नाम आयेगा-गर्लफ्रेंड नंबर एक का मैसेज या दो का मैसेज। आफत यह है कि बंदा गर्लफ्रेंड नंबर एक के साथ बैठा है और और गर्लफ्रेंड नंबर दो का मैसेज स्मार्ट-घड़ी में आ गया, तो वह नंबर एक को क्या जवाब देगा और अगर नोटिफिकेशन आफ ही रखने हैं, तो स्मार्ट-घड़ी का फायदा क्या।

खैर समझनेवाली बात यह है कि शराबी तो स्मार्ट-घड़ी से पहले ही स्मार्ट हैं और सीरियल लवर नौजवानों को स्मार्ट-घड़ी बचा नहीं पायेगी।

नहीं, ऐसा नहीं है कि दफ्तर के बास के मैसेज भी स्मार्ट मैसेज -अलर्ट भी हाथ-घड़ी में देखे जा सकते हैं।

पर दिल पर हाथ रखकर बताइये, दफ्तर के, बास के मैसेज देखना कौन चाहता है, कहीं पर भी।

(देश मंथन 13 अगस्त 2016)

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