संजय कुमार सिंह, संस्थापक, अनुवाद कम्युनिकेशन :
समाज में लोग क्या कहेंगे – सबसे बड़ी समस्या है। कुछ भी करो मना करना हो तो सबसे साधारण पर सबसे लचर दलील यही है। इसलिए रेडियो सिटी 91.1 एफएम ने जब अक्षय और जीनत का मामला उठाया तो मुझे लगा अब हो गया लोग क्या कहेंगे – का इंतजाम।
रेडियो सिटी ने इस बार अपने ‘रेडियो सिटी सलाम-ए-इश्क!’ में प्यार का मुद्दा उठाया है। दिल्ली में केंद्रित इस गतिविधि का मकसद वैसे तो यही है कि लोगों को अपनी सोंच को विस्तार देने में सहायता मिले और इसके जरिये उनसे अपील की जा रही है कि वे बांटने वाली किसी भी चीज – चाहे वह धर्म, जाति, ज्योतिष या अमीर-गरीब का भेद हो, से ऊपर प्यार को रखें, प्यार को चुनें।
इसकी शुरुआत रेडियो सिटी के लव गुरू के लिए प्राप्त एक कॉल से हुयी। हिन्दू युवक अक्षय ने लव गुरू से जानना चाहा कि वह अपनी मुस्लिम प्रेमिका जीनत तक कैसे पहुँचे और उससे शादी करने के लिए क्या करे। इन दोनों की एकमात्र बाधा इनके अपने परिवर थे जो धार्मिक कारणों से दोनों की शादी के लिए किसी भी सूरत में तैयार नहीं थे। अंतर धार्मिक विवाह में सबसे बड़ी समस्या लोग क्या कहेंगे ही है। अगर दोनों परिवार बहुत आधुनिक ना हों तो यह समस्या स्वाभाविक और आम है। पर जब रेडियो पर यह हंगामा हो ही गया कि फलां और फलां के बेटे और बेटी शादी करना चाह रहे हैं और दोनों परिवार शादी के लिए राजी नहीं हैं तो लोग क्या कहेंगे की भूमिका बदल गयी। वैसे तो अभी दोनों परिवार शादी के लिए राजी नहीं हुये हैं पर मुझे लगता है कि अब उन पर अलग तरह का दबाव है।
पहले जो परिवार यह सोच कर परेशान थे कि शादी हो गयी तो लोग क्या कहेंगे अब वही परिवार यह सोच कर परेशान होंगे कि शादी नहीं करने दी तो लोग क्या कहेंगे। मुझे लगता है इस मामले में रेडियो सिटी की भूमिका अच्छी और प्रशंसनीय रही है। अपने अभियान के तहत रेडियो सिटी ने भिन्न प्रभावशाली लोगों की राय भी पेश की है। नेटवर्क ने धार्मिक क्षेत्र के प्रमुख और अग्रणी लोगों से संपर्क किया। इनमें शाही इमाम (दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम), अबू आजमी और हिन्दू महासभा के महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा शामिल हैं। इस मामले में लड़की यानी जीनत के भाई अपनी भूमिका निभा चुके हैं और उन्होंने एक रेडियो जॉकी को फोन कर खूब खरी खोटी सुनायी और इस दौरान गुस्से से कांप रहे थे। रेडियो ने गालियों को बीप करके उन्हें भी सुना दिया और वो भी समझ गये होंगे कि गुस्से में बगैर तर्क के कैसे लग रहे थे।
इस पहल पर टिप्पणी करते हुए रेडियो सिटी 91.1 एफएम के नेशनल प्रोग्रामिंग हेड कार्तिक कल्ला ने कहा है, “रेडियो सिटी में हम हमेशा ऐसी पहल करने की कोशिश करते हैं जिस पर खुलेआम चर्चा करने की जरूरत होती है। हम 21वीं सदी में रह रहे हैं पर दो धर्मों के परिवार वैवाहिक संबंध बनाने में हिचकें तो यह ऐसा मामला है जो हमें पुराने जमाने में पहुँचा देता है। रेडियो सिटी सलाम-ए-इश्क से हम लोगों को यह सामान्य संदेश फैलाना चाहते हैं कि प्यार को धर्म या किसी अन्य बंटवारे से ऊपर रखें। इस जोड़े की कहानी के जरिये हम लोगों को यह बतायेंगे कि आखिरकार किसी अन्य चीज के मुकाबले प्यार और स्नेह का ही मतलब होता है।
(देश मंथन, 02 अप्रैल 2015)