Tag: विद्युत प्रकाश मौर्य
चलिए मोनो रेल से देखें मुंबई

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
मोनो रेल यानी एक पहिए पर चलने वाली रेल। देश में मुंबई शहर में चलने लगी है मोनो रेल। इस बार मुंबई की यात्रा में हमारी दिली तमन्ना थी कि मोनो रेल का सफर किया जाये। सो 20 फरवरी की सुबह-सुबह मैं और अनादि तैयार हो गये मोनो रेल के सफर पर जाने के लिए।
शापिंग मुंबई के फैशन स्ट्रीट से

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
मुंबई में मध्यम वर्ग के लोगों के लिए खरीदारी करने का प्रिय स्थल है फैशन स्ट्रीट। पहले ये जान लेते हैं कि फैशन स्ट्रीट है कहाँ। तो जनाब ये वेस्टर्न लाइन के आखिरी स्टेशन चर्च गेट या फिर सेंट्रल लाइन के आखिरी टर्मिनल छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से बीच में है।
दादर यानी मुंबई का दिल

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
वैसे तो मुंबई बहुत बड़ी है। पर मुंबई का दिल तो दादर में बसता है। भला कैसे। अगर आप नक्शे में देखेंगे तो दादर मुंबई के लगभग बीच में है। मैंने अपने मुंबई के पुराने दोस्त आईपीएस यादव से पूछा की मुंबई में घूमने के लिए कुछ दिन रुकना हो तो कहाँ रुकना ठीक होगा। उन्होंने कहा, दादर में रुकिए। वहाँ से सारे स्थानों को जाने के लिए गाड़ियाँ मिल जाती है। वैसे दादर कहीं से भी बीच में है। यह काफी हद तक सही भी है।
मुंबई की टैक्सी सेवा के बहाने प्रीमियर पद्मिनी की याद

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
मुंबई के कई अच्छे चेहरे हैं। इसमें एक है यहाँ की टैक्सी और आटो सेवा। मुंबई में कोई टैक्सी वाला आपको दिन हो या रात कभी भी कहीं जाने से मना नहीं करेगा। हमेशा मीटर से चलने की बात करेंगे। कोई किराया की बारगेनिंग नहीं। मुख्य मुंबई के इलाके में तो आटो रिक्शा चलते ही नहीं हैं। सिर्फ टैक्सी सेवाएँ हैं।
रूमानी है एलिफैंटा के लिए स्टीमर का सफर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफैंटा टापू तक जाने में तकरीबन सवा घंटे लगते हैं। पर ये सफर यादगार होता है। दूरी की बात करें तो यह रास्ता 12 किलोमीटर का है। मुंबई से एलीफैंटा के बीच कुल 90 मोटर बोटों को संचालन होता है। ये मोटर बोट एक सहकारी समिति के तहत चलती हैं।
स्पंज डोसा का स्वाद अलबेला

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
मसाला डोसा तो आपने कई तरह के खाए होंगे, पर स्पंज डोसा का स्वाद लिया क्या। तो आइए लेते हैं स्पंज डोसा का स्वाद... कहाँ। पुणे में।
पुणे का राजा दिनकर केलकर म्युजियम

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
देश कुछ बेहतरीन संग्रहालयों में से एक है पुणे का राजा दिनकर केलकर म्युजियम। ये संग्रहालय पुणे के शुक्रवार पेठ में स्थित है। यह संग्रहालय किसी एक आदमी के प्रयास से किए संग्रह का बेहतरीन नमूना है। इस संग्रहालय की स्थापना 1962 में हुई थी।
पुणे के काका हलवाई

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पुणे के काका हलवाई। पुणे की प्रसिद्ध मिठाई की दुकान। पुणे के प्रसिद्ध दगडुसेठ हलवाई गणपति मंदिर से थोड़ी दूरी पर है ये मिठाइयों की दुकान। यूँ तो हमें इस दुकान के बारे में पहले पता नहीं था। पर बाहर से विशाल इमारत और आसमान में लहराते बड़े से बोर्ड को देखकर इच्छा हुई इस दुकान से कुछ स्वाद लेने की। तो मैं और अनादि काका हलवाई के शोरूम में प्रविष्ट हुए।
पार्क में बैठे ओशो – मानो अभी बोल उठेंगे

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
पुणे शहर से कई लोगों को रिश्ता जुड़ा है। कभी यह गाँधी और अंबेडकर का शहर था। तो पुणे आध्यात्मिक गुरु आचार्य रजनीश यानी ओशो की भी स्थली रही है। ओशो अमेरिका से वापस आने के बाद अपने आखिरी वक्त में यहीं पर रहे। पुणे ही क्यों भला। एक तो पुणे का मौसम है जो काफी लोगों को अपनी ओर खिंचता है।
एक मराठी शादी में….बारी बरसी खटन गया सी…

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :
फरवरी 16 साल 2016 की सुबह हमारा पुणे जाना हुआ था शादी में शामिल होने के लिए। शादी किसकी। हमारी साली साहिबा की। वे रेडियोलॉजिस्ट हैं। पटना की हैं पर मुंबई में रहते हुए उन्होंने अपने लिए मराठी दूल्हा ढूँढा। तो शादी की सारी रश्में मराठी रीति रिवाज से होनी थी।



विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :





