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झारखंड : क्या है बढ़े मतदान प्रतिशत के मायने

संदीप त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार :
बिहार से अलग हुए राज्य झारखंड में नयी विधानसभा के लिए तीन चरण के मतदान हो चुके हैं। वर्ष 2009 के मुकाबले इस बार मतदान प्रतिशत 6-8% बढ़ा हुआ दिख रहा है। इसके मायने क्या हैं? इस बार पहले चरण में 61.92%, दूसरे चरण में 64.68% और तीसरे चरण में 60.89% मतदान हुआ। इसके मुकाबले पिछली बार औसतन 55% वोट पड़े थे।
खुली चिट्ठी : एक लड़की का दर्द – प्रधानमंत्री शर्म करें

शहनाज ट्रेजरीवाला, मॉडल एवं अभिनेत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, क्रिकेट के भगवान सचिन तेंडुलकर, किंग खान शाहरुख खान, दबंग सलमान खान, मिस्टर परफेक्टनिस्ट आमिर खान और बिजनस टाइकून अनिल अंबानी को लिखे एक ओपेन में मॉडल और ऐक्ट्रेस शहनाज ट्रेजरीवाला ने महिला शोषण और बलात्कार की घटनाओं के लताड़ते हुए कहा है कि इन्हें शर्म नहीं आती है।
धर्म-परिवर्तन छोड़ो, जाति-परिवर्तन शुरू करो!

अभिरंजन कुमार, पत्रकार एवं लेखक :
आप लोग धर्म-परिवर्तन पर बवाल कीजिए, मेरा सवाल यह है कि हम धर्म-परिवर्तन कर सकते हैं, लेकिन जाति-परिवर्तन क्यों नहीं?
सामाजिक न्याय की ताकतों की लीलाभूमि पर आखिरी जंग

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :
मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में पुराने जनता दल के साथियों का साथ आना बताता है कि भारतीय राजनीति किस तरह ‘मोदी इफेक्ट’ से मुकाबिल है।
ओय गुइयाँ, फिर जनता-जनता!

क़मर वहीद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :
क्या करें? मजबूरी है! अभी ताजा मजबूरी का नाम मोदी है! यह जनता खेल तभी शुरू होता है, जब मजबूरी हो या कुर्सी लपकने का कोई मौका हो! इधर मजबूरी गयी, उधर पार्टी गयी पानी में!
चाय केतली तक अच्छी है मोदी जी

दीपक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :
कोई पार्टी अपने परंपरागत वोट बैंक के जरिये कभी सत्ता में नही आती। अगर ऐसा होता तो यूपी में भाजपा को कभी 11, कभी 20 और कभी 73 सीटें नहीं मिलतीं। सपा हमेशा जीतती और बसपा का सूपड़ा कभी साफ नही होता।
क्या हो पायेगा ‘आप’ का पुनर्जन्म?

क़मर वहीद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :
तो क्या ‘आप’ का पुनर्जन्म हो सकता है? दिल्ली में चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। सबसे बड़ा सवाल यही है, ‘आप’ का क्या होगा? केजरीवाल या मोदी? दिल्ली किसका वरण करेगी?
काले धन का टेंटुआ कोई क्यों पकड़े?

क़मर वहीद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :
सुना है, सरकार काला धन ढूँढ रही है। उम्मीद रखिए! एक न एक दिन काला धन आ कर रहेगा! अगर कहीं मिल जायेगा, तो जरूर आ जायेगा! न मिला तो सरकार क्या कर सकती है?
अबकी बार, क्या क्षेत्रीय दल होंगे साफ?

क़मर वहीद नक़वी, वरिष्ठ पत्रकार :
राजनीति से इतिहास बनता है! लेकिन जरूरी नहीं कि इतिहास से राजनीति बने! हालाँकि इतिहास अक्सर अपने आपको राजनीति में दोहराता है या दोहराये जाने की संभावनाएँ प्रस्तुत करता रहता है!
महाराष्ट्र-हरियाणा : मतदान से मतगणना तक

दीपक शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार :
"मैंने सोचा था ये 'अमर प्रेम' जैसे संबंध हैं, लेकिन ये तो 'कटी पतंग' निकले।" मायानगरी से प्रभावित शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे यह कह कर भावुक से होने लगे।