फिल्म पीके पर छिड़ा संग्राम, निशाने पर रहे आमिर

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देश मंथन डेस्क :

आमिर खान अभिनीत फिल्म पीके की विषय-वस्तु और कथानक को लेकर सोशल मीडिया साइट ट्विटर में युद्ध छिड़ गया है। हालाँकि ट्विटर पर फिल्म पीके के समर्थक और विरोधी दोनों गुट सक्रिय हैं, जो फिल्म के समर्थन और विरोध में लगातार ट्वीट कर रहे हैं।

आलम यह है कि सोमवार को हैशटैग बॉयकाटपीके लगातार सुर्खियों में रहा, लेकिन जल्दी ही पीके के सपोर्ट में कई बड़े धुरंधर आ पहुँचे और हैशटैग वीसपोर्टपीके के नाम से दनादन ट्वीट करने लगे और देखते ही देखते ट्विटर पर एक युद्ध का माहौल सा बन गया।

फिल्म पीके की विषय वस्तु को लेकर छिड़ा जंग इतना बढ़ गया कि हैशटैग बॉयकाटपीके टॉप में ट्रेंड करने लगा, लेकिन जल्द ही हैशटैग वीसपोर्टपीके के आने के बाद बॉयकाटपीके पिछड़ गया और टॉप ट्रेंड से पिछड़ कर तीसरे नंबर पर पहुँच गया।

ट्विटर पर पीके का बॉयकाट करने लोगों का कहना है कि फिल्म में आमिर खान ने हिंदुओं के धार्मिक मुद्दों पर ही कटाक्ष किया है जबकि मुस्लिम धर्म में फैले अंधविश्वासों पर फिल्म में कुछ नहीं कहा है।

गौरतलब है फिल्म में आमिर ने एक एलियन की भूमिका निभायी है, जिसमें उन्होंने हिंदू धर्म गुरुओं और पंडितों के कर्म कांडों की मखौल उड़ाने की कोशिश की है।

ट्विटर में हैशटैग वीसपोर्टपीके को सपोर्ट करने वाले लोगों का कहना है कि चूँकि आमिर मुस्लिम हैं इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। अक्षय कुमार की फिल्म ओह माई गॉड का हवाला देते हुए समर्थकों का कहना है कि परेश रावल ने फिल्म हिंदू धर्म में फैले पाखंडी बाबाओं की पोल खोली तो किसी ने विरोध नहीं किया, क्योंकि परेश रावल हिंदू थे। वहीं, कुछ समर्थकों ने ट्वीट करके कहा है कि पीके सिर्फ एक फिल्म है और इसे सिर्फ फिल्म की तरह लेना चाहिए।

लेकिन पीके के विरोधी लोगों ने तल्खी से कहा है कि स्वाभिमानी हिंदुओं को पीके नहीं देखनी चाहिए। कुछ वीसपोर्टपीके समर्थकों का कहना है कि पीके कि विरोध में टिप्पणी करने वाले अधिकतर संघी हैं। आइए आपके साथ कुछ समर्थक और विरोधी ट्वीट साझा करते हैं-

डियर आमिर खान- क्या आप हाल के मुस्लिम मुद्दों पर भी मूवी बनाएंगे या फिर केवल हिंदुओं पर-tarun‏@dreamthatworks

पीके और ओह माय गॉड समान थीम पर हैं लेकिन आमिर खान को निशाना बनाया जा रहा है जबकि परेश रावल को नहीं, क्यों? क्योंकि आमिर मुस्लिम हैं और परेश हिंदू व बीजेपी सांसद?-AK4PublicMovement‏@fdi_r

मैं तब तक पीके देखने नहीं जा रहा था जब तक कि आलोचकों ने इसके बहिष्कार के लिए नहीं कहा। मस्ती भरी फिल्म है जाइए इसे देखिए-Shivam Vij ‏@DilliDurAst

कोई भी हिंदू जिसमें थोड़ा सा भी स्वाभिमान है उसे पीके नहीं देखनी चाहिए-Jayesh@jayeshdewana12

अगर आमिर खान पीके में दिए गए संदेश पर यकीन करते हैं तो वे पिछले साल हज पर क्यों गए? ऐसे उपदेश मत झाड़िए जिनका पालन खुद न करते हों-Maverick‏@boldrebellion

क्या आमिर कभी ‘शांति वाले धर्म’ का मजाक उड़ाने वाली फिल्म बनाएंगे। निश्चित रूप से नहीं क्योंकि उन्हें अपनी जिंदगी का खतरा है-siya♔@siyatara

संघ के लोग बॉयकॉट पीके को ट्रेंड कर रहे हैं लेकिन क्यों?-रचित सेठ‏@rachitseth

बॉयकॉट पीके को लेकर कुछ ट्वीट बताते हैं कि हम एक समाज के रूप में बिल्कुल ध्वस्त हो चुके हैं। हम कोई कितना मूर्ख हो चुका है-Nirmalya Dutta‏@nemothegreat1

ये सिर्फ एक मूवी है दोस्तो, इसे किसी की निजी जिंदगी से न जोड़ें। बड़े हो जाओ बच्चो-Darshan Khandelwal‏@Darshan2206

पीके के बहिष्कार की बात कहने वाले मूर्ख हैं। वो नहीं जानते कि किसी के अच्छे काम की तारीफ कैसे की जाती है-Jenson George‏@JENSONGEORGE143

(देश मंथन, 22 दिसंबर, 2014)

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