फेसबुक पर फर्जी तरीके से दूसरों के नाम और ब्रांड का गलत इस्तेमाल करके लोगों को अपने जाल में फँसाने वाले जालसाजों की नजर अब निवेश मंथन पर भी पड़ गयी। इससे पहले वे एनएसई के एमडी-सीईओ आशीष कुमार चौहान Ashish Chauhan और सीएनबीसी आवाज के संपादक अनुज सिंघल Anuj Singhal के अलावा कई बाजार विशेषज्ञों के नाम से फर्जीवाड़ा कर चुके हैं। वहीं सेबी (Attn: Madhabi Puri Buch) के लिए शायद फेसबुक एक अनजान दुनिया है, क्योंकि लगता है कि इस प्लेटफॉर्म पर सेबी का आधिकारिक पेज तक नहीं है।
मैंने फेसबुक पर इस तरह के जितने भी फर्जी पोस्ट देखे, वे सबके सब फर्जीवाड़े फेसबुक पर चलने वाले विज्ञापन के रूप में हैं, यानी इसके लिए फेसबुक को पैसा मिलता है। ऐसा लगता है कि फेसबुक ने विज्ञापन से कमाई के चलते इन घोटालेबाजों को खुला मैदान दे रखा है। हमारी पत्रिका निवेश मंथन के एक अंक के मुखपृष्ठ को दिखाते हुए जो फर्जी पोस्ट मिले, वे भी विज्ञापन के रूप में ही चल रहे हैं। साथ लगे चित्रों को देखें, उन पर स्पॉन्सर्ड लिखा है।
सेबी को फेसबुक से पूछताछ करनी चाहिए कि इन विज्ञापनों को चलाने वाले कौन हैं, उनका नाम-पता, फोन नंबर, ईमेल और बैंक खाता वगैरह क्या है, क्योंकि फेसबुक इस तरह की जानकारियाँ जुटाने के बाद ही उनके विज्ञापन चलाता है।
फिलहाल, हम अपनी ओर से आप सभी सतर्क करना चाहते हैं कि फेसबुक पर निवेश मंथन पत्रिका या शेयर मंथन या व्यक्तिगत रूप से मेरे (राजीव रंजन झा) के नाम से आपको इस तरह के फर्जी पोस्ट दिखें तो उनके साथ कोई लेन-देन नहीं करें। ऐसे पोस्ट दिखने पर उनका स्क्रीनशॉट और पेज का लिंक हमारे पास भेजने का कष्ट करें, जिससे उचित रूप से उन पर कार्रवाई शुरू की जा सके। ध्यान रखें कि निवेश मंथन और शेयर मंथन या मेरे (राजीव रंजन झा) द्वारा व्यक्तिगत रूप से कोई भी सशुल्क निवेश सलाह सेवाएँ (पेड इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी) उपलब्ध नहीं करायी जाती हैं। किसी भी भ्रामक और फर्जी प्रचार के आधार पर यदि आप कोई लेन-देन या निवेश करते हैं, तो उसकी कोई जिम्मेदारी हमारी नहीं है। ... See MoreSee Less