जोधपुर शहर की सुबह…पटवा हवेली की तलाश में
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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
देश के कुछ वे शहर जो सचमुच में हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रतिनिधि हो सकते हैं उनमें शामिल है जोधपुर। शहर का पुराना स्वरूप, खानपान, शानदार किले और उद्यान और यहाँ के मस्त और दोस्ताना लोग शहर को बाकी शहरों से अलहदा बनाते हैं।
विरासत – जोधपुर रेलवे स्टेशन पर नैरोगेज का स्टीम लोकोमोटिव
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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
जैसलमेर से जोधपुर के लिए हनुमान ट्रैवल्स की बस बुक की थी। बस शहर के प्रमुख चौराहे हनुमान जंक्शन से रात 10.15 बजे खुलने वाली थी। मैं दो घंटे पहले ही यहाँ पहुँच गया हूँ। ट्रैवल कंपनी के दफ्तर में अपना बैग रखकर आसपास में टहलता हूँ।
रेत के टीलों के बीच डूबता सूरज – एन इवनिंग इन सम सैंड ड्यून्स
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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
सम सैंड ड्यून्स। जैसलमेर की सबसे रोचक और रोमांटिक लोकेशन है। हर जैसलमेर आने वाला सैलानी वहाँ जाना चाहता है। जाए भी क्यों नहीं।
हर हाल में खुश रहना सीखों
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संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मास्टर साहब पाँचवीं कक्षा में पढ़ाते थे, “फूलों से नित हंसना सीखो, भौंरों से नित गाना। तरु की झुकी डालियों से सीखो शीश झुकाना!”
मकान ले लो, मकान
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संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :
मेरे मित्र को एक मकान चाहिए। वैसे दिल्ली में उनके पिता जी ने एक मकान बनवाया है और अब तक वो उसमें उनके साथ ही रह रहे थे। लेकिन कुछ साल पहले उनकी शादी हो गयी और उन्हें तब से लग रहा है कि उन्हें अब अलग रहना चाहिए। मैंने अपने मित्र से पूछा भी कि पिताजी के साथ रहने में क्या मुश्किल है?
कुलधरा – पालीवाल ब्राह्मणों का एक अभिशप्त गाँव
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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
एक गाँव जो कभी आबाद था। हजारों लोग रहते थे। सुबह शाम संगीत गूंजता था। पर अब सिर्फ खंडहर। हम बात कर रहे हैं कुलधरा की। आज इसकी गिनती देश के कुछ प्रमुख भुतहा स्थलों में होती है।
नवेली दुल्हन सा सिंगार किए पटवा हवेली
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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
जैसलमेर की पटवा हवेली। शहर की सभी पुरानी हवेलियों में सबसे समृद्ध। वैसे तो जैसलमेर के टूरिस्ट मैप में पटवा हवेली, नाथमल की हवेली, सलीम सिंह की हवेली जैसे कई नाम गिनाए जाते हैं।
जैसलमेर की शान – सोनार किला
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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
मशहूर बांग्ला फिल्मकार सत्यजीत रे ने एक फिल्म बनायी थी सोनार किला। 1974 में रीलिज यह फिल्म बंगाली मानुष के बीच खूब लोकप्रिय हुई। यह 1971 के एक उपन्यास पर बनी फिल्म थी।
सुनहला शहर, गोल्डेन सिटी जैसलमेर
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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
राजस्थान का जैसलमेर शहर यानी गोल्डेन सिटी। सुनहला शहर। सारा शहर पीले सोने की तरह दमकता दिखाई देता है। क्योंकि ज्यादातर इमारतें स्थानीय तौर पर मिलने वाले पीले रंग के पत्थरों से बनी हैं।
लीलण एक्सप्रेस से सुनहले शहर जैसलमेर की ओर
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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
बीकानेर से जैसलमेर जाने वाली ट्रेन का नाम लीलण एक्सप्रेस (12468) है। नाम कुछ अनूठा लगा तो जानने की इच्छा हुई।
पापड़, भुजिया, दालमोट मतलब बीकानेर
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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार:
पापड़, भुजिया और दालमोट। मतलब बीकानेर। राजस्थान का बीकानेर शहर। बीकानेर कई बातों के लिए जाना जाता है।
यमराज की सेल्फी
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आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :
सावित्री परेशान थी कि हाय सत्यवान की जान कैसे बचेगी। यमराज आयेंगे, तो सत्यवान के प्राण लिये बगैर तो ना मानेंगे। यमराज की ड्यूटी-पराणयता की बात तो जगत में सबको ज्ञात थी।