Tuesday, April 30, 2024
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हम-दर्दों को दूर भगाओ, गम-दर्दों से राहत पाओ।

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :

भारत जैसे जटिल देश की राजनीति भी बेहद शातिराना तरीके से खेली जाती है। इस ग्लोबल देश में व्यूह रचना¢एँ अब इस तरह से होने लगी हैं कि बिहार चुनाव को प्रभावित करना हो, तो दादरी में एक घटना करा दो और उसे राष्ट्रीय ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बना दो। एक आदमी बलि का बकरा बनेगा, तो हजारों-लाखों नेताओं-कार्यकर्ताओं-पूंजीपतियों-ठेकेदारों की देवियाँ और अल्लाह खुश हो जाएंगे। एक अखलाक को बलि का बकरा बनाने से आपको मालूम ही है कि कितनों की देवियाँ और अल्लाह उनपर मेहरबान हो गये!

JNU में वामपंथियों की देश विरोधी करतूत

सुशांत झा, पत्रकार :

हाफिज़ सईद के JNU के कॉमरेडों को समर्थन देने की खबर IBN की साइट ने लगायी थी, बाद में जनसत्ता ने भी लगा दी। खबर का आधार संदेहास्पद था, IBN ने हटा दी। पहले Saurabh Dwivedi ने मुझे इनबॉक्स में इशारा किया, तब तक मैं उसे शेयर कर चुका था।

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शमशेरा : हिंदू घृणा और वामपंथी एजेंडा से भरी फिल्म को दर्शकों ने नकार दिया

शमशेरा हिंदू घृणा से सनी ऐसी फिल्म है, जिसका साहित्य में परीक्षण हुआ, जैसा कि फर्स्ट पोस्ट आदि पर आयी समीक्षाओं से पता चलता है, और फिर बाद में परदे पर उतारा गया। परंतु जैसे साहित्य में फर्जी विमर्श को रद्दी में फेंक कर जनता ने नरेंद्र कोहली को सिरमौर चुना था, वैसे ही अब उसने आरआरआर एवं कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों को चुन लिया है और शमशेरा को गड्ढे में फेंक दिया है!

नेशनल हेराल्ड मामले का फैसला आ सकता है लोकसभा चुनाव से पहले

ईडी ने तो एक तरह से मामले को छोड़ दिया था। ईडी की पकड़ में यह मामला तब आया, जब कोलकाता में हवाला कारोबार करने वाली एक शेल कंपनी के यहाँ एजेएल और यंग इंडिया की हवाला लेन-देन की प्रविष्टि (एंट्री) मिली, और उसके तार ईडी की जाँच में गांधी परिवार तक गये। इसलिए गांधी परिवार से पूछताछ के बिना चार्जशीट दाखिल नहीं हो सकती है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ हो चुकी है और अब सोनिया गांधी से पूछताछ हो रही है।

पाकिस्तान में बढ़ती शर्मनाक घटनाएँ, फिर भी पश्चिमी देशों का दुलारा पाकिस्तान

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लिबरल खेमा वैश्विक उथल-पुथल से प्रफुल्लित क्यों है?

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