Tuesday, April 30, 2024
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समाचार विचार

वैश्विक बहनापा उन औरतों तक क्यों नहीं जाता?

जिस फेमिनिज्म का राग ये फेमिनिस्ट अलापती हैं, वह मात्र समानता के सिद्धांत पर आधारित है। हाल ही में कई ऐसी घटनाएँ हुई हैं, जब प्रगतिशील फेमिनिस्ट का साझा सिस्टरहुड भुरभुराकर ढह गया है।

नुसरत जहां : कहीं राजनीतिक दाँव-पेंच ही तो नहीं था?

बंगाल चुनावों के मध्य ही यह बात बार-बार उभर कर आ रही थी कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां और उनके पति निखिल...

फेमिनिज्म के नाम पर हिंदू द्वेष

जैसे ही हमारे सामने फेमिनिज्म शब्द आता है, हम ठहर कर सोचने लगते हैं कि आखिर इस शब्द का अर्थ क्या है? और यह...

तरुण तेजपाल के केस के बहाने मोरल पुलिसिंग

फिर से एक बार खोजी पत्रकार तरुण तेजपाल के मामले के बहाने एक बार बलात्कार पीड़ितों के लिए नियम निर्देशों की चर्चा है। जी...

रोहित सरदाना की मृत्यु पर कबीलाई अट्टाहास

कल से लेकर आज तक सोशल मीडिया पर रोहित सरदाना ही छाए हुए हैं। बहुत ही कम ऐसा होता है कि कोई पत्रकार मृत्यु के बाद भी लोगों के दिमाग में छाया रहे। और न केवल पक्ष में बल्कि विपक्ष में भी लोग आकर बातें करें। आम जनता इस बात से हैरान है कि आखिर रोहित सरदाना से एक वर्ग विशेष को इतनी घृणा क्यों है?

क्या बाबा रामदेव को पता नहीं था कि कोरोनिल पर बखेड़ा होगा?

राजीव रंजन झा : 

यदि बाबा रामदेव अपनी दवा का नाम कोरोना के आधार पर कोरोनिल रखने के बदले कुछ अलग रखते, इसे कोरोना की दवा कहने के बदले रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली दवा (इम्युनिटी बूस्टर) कहते, तो इतना बड़ा बखेड़ा खड़ा नहीं हुआ होता। दवा तो उनकी तब भी बिक जाती। आज के माहौल में सुपरहिट ही रहती।

कोरोना की दवा का बाबा रामदेव का दावा और फेसबुकीय योद्धाओं के प्रमाण-पत्र

राजीव रंजन झा : 

एक दवा है एचसीक्यूएस। मलेरिया के इलाज में काम आती है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बोल दिया कि इससे कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं। भाई लोगों ने पक्ष-विपक्ष दोनों में मोर्चा खोल दिया। 

चीन से लड़ने को ललकारती आवाजों का असली मतलब क्या है?

राजीव रंजन झा : 

चीन से लड़ लोगे क्या? लड़ पाओगे क्या? बहुत ताकतवर है हमसे। 

दरअसल 1962 की हार के बाद यह भारतीय मानस में बैठ गया है कि हम पाकिस्तान को तो कभी धूल चटा सकते हैं, लेकिन चीन से पार पाना संभव नहीं है।

सावधान! गिद्धों ने नया रोहित वेमुला खोजना शुरू कर दिया है

राजीव रंजन झा : 

इस देश में पैसों के लेन-देन को लेकर विवाद और मार-पीट होना, हत्या तक हो जाना कोई नयी बात नहीं है। लेकिन ऐसी किसी घटना को सनसनीखेज बनाने के लिए मीडिया इसमें जाति का कोण ढूँढ़े, राजनीतिक एजेंडाबाज इसमें एक नया रोहित वेमुला या भारत का जॉर्ज फ्लॉइड तलाशने लगें, तो उन्हें गिद्ध कहना क्या किसी तरीके से गलत होगा?

तबलीगी जमात पर गर्व करें, उन्हें सलाम करें

राजीव रंजन झा : 

कनिका कपूर याद है? इसलिए पूछ रहा कि जनता की याददाश्त बहुत छोटी होने की बात कही जाती है। 

लेकिन ताजा बात है, तो कुछ-कुछ याद होगा ही। गायिका कनिका कपूर। बेबी डॉल वाली!

क्या 14 अप्रैल के बाद खत्म हो जायेगा लॉकडाउन

राजीव रंजन झा : 

कल अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू के ट्वीट हवाले से खबर चल गयी कि लॉकडाउन 15 अप्रैल को खत्म हो जायेगा। फिर यह ट्वीट हटा ली गयी।

कोरोना वायरस की महामारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन, 22 मार्च को जनता कर्फ्यू

मेरे प्रिय देशवासियों,

पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है। आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वह कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है। लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है, जिसने विश्व भर में पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है।

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शमशेरा : हिंदू घृणा और वामपंथी एजेंडा से भरी फिल्म को दर्शकों ने नकार दिया

शमशेरा हिंदू घृणा से सनी ऐसी फिल्म है, जिसका साहित्य में परीक्षण हुआ, जैसा कि फर्स्ट पोस्ट आदि पर आयी समीक्षाओं से पता चलता है, और फिर बाद में परदे पर उतारा गया। परंतु जैसे साहित्य में फर्जी विमर्श को रद्दी में फेंक कर जनता ने नरेंद्र कोहली को सिरमौर चुना था, वैसे ही अब उसने आरआरआर एवं कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्मों को चुन लिया है और शमशेरा को गड्ढे में फेंक दिया है!

नेशनल हेराल्ड मामले का फैसला आ सकता है लोकसभा चुनाव से पहले

ईडी ने तो एक तरह से मामले को छोड़ दिया था। ईडी की पकड़ में यह मामला तब आया, जब कोलकाता में हवाला कारोबार करने वाली एक शेल कंपनी के यहाँ एजेएल और यंग इंडिया की हवाला लेन-देन की प्रविष्टि (एंट्री) मिली, और उसके तार ईडी की जाँच में गांधी परिवार तक गये। इसलिए गांधी परिवार से पूछताछ के बिना चार्जशीट दाखिल नहीं हो सकती है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछताछ हो चुकी है और अब सोनिया गांधी से पूछताछ हो रही है।

पाकिस्तान में बढ़ती शर्मनाक घटनाएँ, फिर भी पश्चिमी देशों का दुलारा पाकिस्तान

अमेरिका की एक व्लॉगर पाकिस्तान में विषय में वीडियो बनाती थी। उसके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ है और बलात्कार करने वाले उसके अपने वही दो दोस्त हैं, जिनके बुलावे पर वह पाकिस्तान आयी।

लिबरल खेमा वैश्विक उथल-पुथल से प्रफुल्लित क्यों है?

उनके हर्ष का विषय तीन वैश्विक घटनाएँ हैं। पहली है यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का इस्तीफा, दूसरी घटना है जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या और तीसरी सबसे महत्वपूर्ण घटना है श्रीलंका का दीवालिया होना और राष्ट्रपति आवास पर आम जनता का नियंत्रण होना!
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