Tag: बिहार
जनता परिवार : आर्थिक – पारिवारिक फोरम
सुशांत झा, पत्रकार :
जनता परिवार के विलय में वहीं भावना छुपी है, जो आखिरी घड़ी में दिल्ली बीजेपी में किरण बेदी की ताजपोशी में छुपी थी।
बिहार बीजेपी वाया गिरिराज सिंह@ फेयर-इन-लवली
सुशांत झा, पत्रकार :
गिरिराज ने जो टीवी फुटेज खाया है उसमें उनकी पार्टी और उनका दोनों का हित सधता है। पहचान(!) का संकट बिहार में उन्हें पहले भी नहीं था, अब तो वो पहचान घनीभूत हो गयी है।
नकल की अकल वाया बिहार पॉलटिक्स
सुशांत झा, पत्रकार :
सन् 1996 में पटना हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि अगर स्कूली परीक्षाओं में नकल की खबरें आयीं तो उस जिले का कलक्टर जिम्मेवार होगा! ऐसे में तमाम कलक्टरों ने अपनी गरदन बचाने के लिए भारी कड़ाई की थी और मुझे याद है कि उस जमाने में नकल वाले बच्चों को पुलिस अपराधी की तरह ले जाती थी और 2000 रुपये देकर ही जमानत मिल पाता थी।
बिहारी छात्र को हुआ इश्क दिल्ली की लड़की से
बानयान प्रोडक्शंस की निर्माणाधीन फिल्म की शूटिंग के दौरान हाल ही में अभिनेता संजय सिंह और अभिनेत्री अनु से देश मंथन की बातचीत हुई।
इस हार का मतलब क्या है?
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
चार राज्यों में हुए उपचुनावों में भाजपा की वैसी दुर्गति तो नहीं हुई, जैसी उत्तराखंड में हुई थी याने कोई राज्य ऐसा नहीं है, जहाँ भाजपा या उसकी सहयोगी पार्टी जीती न हो।
बिहारी नेताओं का वाग्विनोद
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
भारत की राजनीति में नेता लोग एक दूसरे पर इतने तीखे और भद्दे प्रहार करते हैं कि टीवी देखने वालों और अखबार पढ़ने वाले करोड़ों लोगों का मजा किरकिरा हो जाता है।
बिहार और भ्रष्टाचार की ट्रिकल डाउन थ्योरी
श्रीकांत प्रत्यूष, संपादक, प्रत्यूष नवबिहार :
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का सार्वजनिक रूप से ये खुलासा कि जब वो मंत्री थे उन्हें बिजली बिल कम करवाने के लिए पाँच हजार रुपये की रिश्वत देनी पड़ी और उनकी यह स्वीकारोक्ति कि नीतीश कुमार के राज में विकास से ज्यादा रफ्तार से भ्रष्टाचार बढ़ा है, कई बड़े सवाल व्यवस्था को लेकर खड़ा करता है।
शरद यादव का मोहभंग
डॉ वेद प्रताप वैदिक, राजनीतिक विश्लेषक :
जनता दल (यू) के अध्यक्ष शरद यादव के मोह-भंग से कई सबक मिलते हैं। शरद यादव ने एक बार नहीं, दो बार सार्वजनिक-तौर पर कहा है कि जातिवादी राजनीति ने बिहार का नाश कर दिया है।
क्या सही में लालू की वापसी हो रही है
रवीश कुमार, वरिष्ठ टेलीविजन एंकर :
"लालू जिंदा हो गया है। सब बोलते थे कि लालू खत्म हो गया। देखो कहाँ ख़त्म हो गया है।" लालू यादव को जैसे ही मैंने कहा कि लोग बता रहे हैं कि आप बिहार में नंबर दो पर आ गये हैं।
बिहटा 7.86
अखिलेश शर्मा, वरिष्ठ संपादक (राजनीतिक), एनडीटीवी :
पटना पीछे छूट गया है। गाड़ी तेज़ी से बनारस की ओर भाग रही है। सड़क के दोनों ओर खेतों की हरियाली अब सोने में बदल चुकी है। गेहूं कटने लगा है।