Thursday, May 2, 2024
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चामुंडा अनाज रखने के लिए बना था पटना का गोलघर

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

बिहार की राजधानी पटना की जिन इमारतों से पहचान है उनमे गोलघर भी एक है। गाँधी मैदान के पास स्थित गोलघर 33 मीटर यानी 96 फीट ऊँचा है। चढ़ने और उतरने के लिए अलग-अलग सीढ़ियाँ हैं। कुल 146 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। आपको ज्यादा सीढ़ियाँ चढ़ने का इल्म नहीं है तो कुछ मुश्किल आ सकती है। क्योंकि रास्ते में कहीं ठहराव नहीं है। 

शराबबंदीः सवाल, नीयत और नैतिकता का

संजय द्विवेदी, अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय :

तर्क नहीं है। किंतु वह बिक रही है और सरकारें हर दरवाजे पर शराब की पहुँच के लिए जतन कर रही हैं। शराब का बिकना और मिलना इतना आसान हो गया है कि वह पानी से ज्यादा सस्ती हो गयी है। पानी लाने के लिए यह समाज आज भी कई स्थानों पर मीलों का सफर कर रहा है किंतु शराब तो ‘घर पहुँच सेवा’ के रूप में ही स्थापित हो चुकी है।

राजनीति और महात्वाकांक्षा

संजय सिन्हा, संपादक, आजतक :

माँ ने लिखा है

 “आज ट्रेन में यात्रा के दौरान मंगनू सिंह जी के बेटे से भेंट हुई। उनके बेटे डॉक्टर वीपी सिंह इस समय एनसीईआरटी, दिल्ली में हैं और आजमगढ़ से जुड़े हैं।

संघ मुक्त भारत का आह्वान : सपने मत देखिए नीतीश बाबू

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :

जिस संघ के साथ दशकों नाता रहा, निजी महत्वाकांक्षा में अर्थात प्रधानमंत्री बनने की ललक में, उसी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को पानी पी-पी कर जिस तरह से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोसते हुए यहाँ तक कह दिया कि देश को संघ मुक्त करने के लिए सभी विपक्षी दल एक हों, उसे वाकई गिरी हरकत कहा जाएगा।

मिशन यूपी 2017 : भाजपा के लिए खुद में झांकने का समय

पद्मपति शर्मा, वरिष्ठ खेल पत्रकार :

यह कहने में शायद ही किसी को हिचक होगी कि एक हजार साल बाद देश में वह राज आया है, जहाँ सत्ता का शिखर पुरुष छद्म धर्मनिरपेक्षता का स्वांग नहीं करता और ' सबका साथ सबका विकास' के मंत्र का जाप करने के बावजूद भारतीय संस्कृति को बेखौफ ओढ़ता है। देश की विरासत और धरोहरों को सर-आँखों पर रखते हुए अनथक देश की दशा और दिशा बदलने में सतत प्रयत्नशील है। जिस सिस्टम को 15 अगस्त 1947 में बदल जाना चाहिए था, उसको जिन लोगों ने अपने फायदे के लिए बरकरार रखा और लालची मीडिया को अपने पाले में रखते हुए जिन्होंने भ्रष्टाचार को लूटपाट में बदल दिया। उस विकृत हो चुकी व्यवस्था को बदलने की प्रक्रिया की भी देश ने विगत दो वर्षों के दौरान शुरुआत होते देखा।

नीतीश जी, गुड मॉर्निंग… हज मुबारक हो!

अभिरंजन कुमार, पत्रकार :

पिछ्ले कार्यकाल में नीतीश जी ने गली-गली शराब की दुकानें खुलवायीं। अब उन दुकानों को बंद करा दिया है। पहले वे स्वयँ लोगों से कहते थे- पियो और टैक्स भरो, ताकि छात्राओं को दी जाने वाली साइकिलों के पैसे आ सकें। अब वे सबको शराब न पीने की कसमें खिला रहे हैं।

हकीकत बना पटना दीघा रेल सह सड़क पुल

विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

देश का सबसे लंबा सड़क सह रेल पुल (RAIL CUM ROAD BRIDGE) अब हकीकत बन चुका है। इसके साथ ही बिहार निवासियों के सपनों को पँख लग गये हैं। अब उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच करोड़ों लोगों का संपर्क सुलभ हो सकेगा।

जाने-अनजाने किसी का अपमान न करें

संजय सिन्हा, संपादक, आज तक :

मेरे पास एक खबर आयी थी कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों - लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के सुपुत्र तेज प्रताप जी पटना की सड़कों पर घोड़े पर चल रहे हैं। मैंने पूरा वीडियो देखा। उसमें तेज प्रताप जी ने, जो अब खुद बिहार में मंत्री हैं, ने कहा कि लोग अगर घोड़े पर चलना शुरू कर दें, तो ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी। लोगों के लिए कहीं आना-जाना भी आसान होगा।

सरकार की (दोगली) आत्मा

आलोक पुराणिक, व्यंग्यकार :

नितीश कुमार का चुनावी वादा था - बिहार में शराब बंद की जायेगी। 

दलों में लोकतंत्र खत्म होने का नतीजा है वंशवाद

राजीव रंजन झा : 

बिहार के चुनावी नतीजों और उसके बाद खास कर तेजस्वी यादव को बिहार का उपमुख्यमंत्री बनाये जाने के बाद एक बार फिर से वंशवाद पर बहस छिड़ गयी है। बिहार सरकार में तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री और तेज प्रताप यादव को कैबिनेट बनाये जाने पर लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती ने जवाब दिया है कि जनता ने उन्हें चुन कर भेजा है। यह वही तर्क है, जो कभी सारे कांग्रेसी राहुल गांधी के लिए और उससे पहले राजीव गांधी और उससे भी पहले इंदिरा गांधी के लिए देते रहे हैं। 

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