अचानक ट्रेन हुई रद्द : कैसे पहुँचे दिल्ली

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विद्युत प्रकाश मौर्य, वरिष्ठ पत्रकार :

आप मुंबई जैसे शहर में हों, और अचानक आपको आपकी ट्रेन रद्द होने की जानकारी मिले तो क्या गुजरेगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। मुंबई से परिवार समेत वापसी का टिकट एक महीने पहले करवाया था। अमृतसर एक्सप्रेस जैसी ट्रेन जिसे डुप्लिकेट पंजाब कहा जाता है एसी 3 में वेटिंग मिला था जो खिसकते हुए आरएसी में आ गया था। पर वह 20 फरवरी की शाम थी, दिन भर बोरिवली नेशनल पार्क में घूमने के बाद शाम को हमलोग मुंबई के फैशन स्ट्रीट पर घूम रहे थे। थोड़ी शापिंग कर डाली थी, कुछ और करने के लिए मोलभाव में लगे थे। तभी मोबाइल पर एक आईआरसीटीसी का मैसेज आता है। पहले मुझे लगा कि आरएसी के कनफर्म होने का संदेश होगा। मैंने बेतकल्लुफी से लिया। पर सोचा एक बार संदेश पढ़ लेता हूँ।

संदेश पढ़ते ही ऐसा लगा कि किसी ने भरी सरदी में आठ घड़े ठंडे पानी से नहला दिया हो। संदेश था- आपकी ट्रेन रद्द हो गयी है….असुविधा के लिए खेद है। हम कुछ घंटे बाद ही डिनर करने के बाद होटल चेकआउट करके स्टेशन पहुँचने वाले थे। अपनी सुविधा के लिए हम छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के पास ही होटल सी लार्ड (पी डिमेलो रोड ) में ठहरे थे। 

ये होटल हमने गोआईबीबो डाटकाम से बुक किया था। अमृतसर एक्सप्रेस सीएसटी रात्रि 11.40 बजे खुलती है। अब हमारी चिंता बढ़ गयी। दफ्तर में छुट्टी खत्म हो रही थी। चार दिन बाद बेटे की वार्षिक परीक्षा भी थी। शादी में शामिल होने की खुमारी खत्म हो चुकी थी। दिल्ली लौटना जरूरी था। पर हरियाणा में जाट आरक्षण आंदोलन के कारण तमाम ट्रेनें कैंसिल हो चुकी थीं। हम उन हजारों परेशान लोगों की सूची में शामिल हो चुके थे। होटल में चेकआउट का समय अगले दिन सुबह का था। पर वापसी के लिए टिकट पाना अभी सबसे बड़ी चिंता थी। हम वहीं फैशन स्ट्रीट में ही फुटपाथ पर बैठ कर मोबाइल का डाटा आन कर टिकट की तलाश करने लगे। अगले दिन 21 को भी ज्यादातर दिल्ली जाने वाली ट्रेनें रद्द दिखायी दे रही थीं। काफी कोशिश के बाद 22 को नई दिल्ली जाने वाली दूरंतो एक्सप्रेस ( 22209 ) में आरएसी में सीटें खाली दिखायी दे रही थीं। हमने पूरी कोशिश की पर मोबाइल फोन से ट्रांजेक्शन फेल हो जा रहा था। फिर अपने मुंबई में रिश्तेदार दीपक जी से मदद माँगी कि वे अपने घर से वाईफाई कनेक्शन से बुक करने की कोशिश करें। टिकट बुक हो गया तो राहत मिली। अब चिंता थी कि ये ट्रेन समय से चले। 

22 को रात 11.15 बजे मुंबई सेंट्रल के प्लेटफार्म नंबर दो से दूरंतो एक्सप्रेस खुलने वाली थी। हमलोग समय पर स्टेशन पहुँच गये थे। मुंबई सेंट्रल पर कुल 5 लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए प्लेटफार्म हैं। स्टेशन साफ सुथरा है। रेलवे का फ्री वाईफाई काम कर रहा था। स्टेशन के बुक स्टाल से हमने बाबा नागार्जुन का उपन्यास वरुण के बेटे खरीदी। ट्रेन समय पर खुल गई। हमारा आरएसी का टिकट कनफर्म भी हो गया था। मुंबई से दिल्ली के बीच दूरंतो सिर्फ बड़ौदा, रतलाम और कोटा में रूकती है। ट्रेन कोटा तक समय पर चल कर आयी। पर भरतपुर से पहले बयाना जंक्शन में रूक गयी। पता चला भरतपुर के पास लाइन डिस्टर्ब है। बाद में पता चला वहाँ 23 फरवरी को दिन में एक इंजन फूंक दिया गया था।

आगरा कैंट – यहाँ भी रूक गयी दूरंतो एक्सप्रेस

ट्रेन बयाना से फतेहपुर सीकरी होते हुए आगरा पहुँची। ये सिंगल लाइन है। आगरा फोर्ट में ट्रेन का इंजन आगे से पीछे करना पड़ा तो ट्रेन यहाँ भी रूकी रही। तकरीबन आधे घंटे। वहाँ से चल कर दिल्ली पहुँची, शाम को 7 बजे के बाद। 

दूरंतो जैसी ट्रेन ढाई घंटे से ज्यादा लेट हो चुकी थी। फिर भी पूरा हरियाणा जल रहा था जिसका असर देश भर के रेल नेटवर्क पर पड़ा था। इन सब के बीच हम सकुशल घर पहुँच चुके थे।

12 से 24 फरवरी 2016 के दौरान जाट आंदोलन के दौरान 2,134 ट्रेनें रद्द हुई, जिसमें से 1,033 मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेन और 1,101 पैसेंजर ट्रेंने शामिल हैं। जाट आंदोलन के दौरान रेलवे को 55.92 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह नुकसान संपत्ति की हानि होने, टिकट रद्द होने और 2,134 ट्रेनें रद्द किये जाने के कारण हुई।

(देश मंथन, 04 अप्रैल 2016)

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